EPFO के अंडर आने वाली सभी कंपनी को अपने कर्मचारी के लिए EPF (Employee Provident Fund)  का लाभ देना जरूरी है. इसमें कर्मचारी और कंपनी दोनों की ही तरफ से 12-12% का योगदान दिया जाता है. कंपनी की तरफ से दिए जाने वाले 12% कॉन्ट्रिब्यूशन में कुछ हिस्सा पेंशन स्कीम यानि कि EPS में जाता है, कुछ हिस्सा जाता है PF में. लेकिन अगर कर्मचारी चाहे तो पेंशन स्कीम में अपना कॉन्ट्रिब्यूशन बढ़ा सकते हैं, ऐसा VPF यानि कि वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड के जरिए किया जा सकता है.

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VPF वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड कर्मचारी अपनी तरफ से योगदान 12% से ज्यादा कर सकते हैं. वह चाहें तो 100% तक योगदान कर सकते हैं. लेकिन यहां  एंप्लॉयर की तरफ से किया जाने वाला योगदान नहीं बढ़ाया जा सकता. VPF की फैसिलिटी सिर्फ कर्मचारियों के लिए होती है.

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ऐसे कर सकते हैं निवेश 

VPF का लाभ उठाने के लिए कर्मचारी को अपनी कंपनी के HR को इस बात की जानकारी देना होती है कि वह अपना कॉन्ट्रिब्यूशन PF में बढ़ाना चाहते हैं. अगर कंपनी ऐसे में VPF की सुविधा देती है, तो कंपनी अपनी तरफ से जरूरी स्टेप्स फॉलो करती है. इसके लिए आपको कोई अलग से अकाउंट नहीं बनाना होता है. कर्मचारी चाहे तो हर वर्ष VPF में अपना योगदान संशोधित कर सकते हैं.

VPF के बाकि फीचर्स 

पैसों के विदड्रॉअल के लिए ऑनलाइन क्लेम किया जा सकता है.

VPF अकाउंट की सारी जानकारी ऑनलाइन EPFO की वेबसाइट पर देखी जा सकती है.

VPF अकाउंट से रकम की पार्शियल विदड्रॉअल करने के लिए कर्मचारी को 5 साल नौकरी करना जरूरी होता है.

नौकरी चेंज करने पर VPF को EPF की तरह ट्रांसफर कर सकते हैं.