सरकार ने इनकम टैक्स से जुड़े विवादित मामलों के निपटारे के लिए आज बुधवार को लोकसभा में डायरेक्ट टैक्स 'विवाद से विश्वास' स्कीम बिल (Direct Tax Vivad Se Vishwas Bill 2020) पेश किया. इस योजना का ऐलान 1 फरवरी, शनिवार को पेश किए बजट 2020 में किया गया था.  कई सालों से पेंडिंग पड़े टैक्स के मामलों (tax disputes) को खत्म करने और टैक्सपेयर्स के झंझटों को खत्म करने के लिए सरकार ने 'विवाद से विश्वास' (Vivad se Vishwas) योजना शुरू की है. इस योजना का फायदा 31 मार्च तक उठाया जा सकता है. 'विवाद से विश्वास' योजना में मामलों को निपटाने में टैक्सपेयर्स को केवल मूल टैक्स ही देना होगा. उस टैक्स पर लगने वाले ब्याज और जुर्माने को अदा नहीं करना होगा.

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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन प्रमोद चंद्र मोदी ने कहा कि ‘विवाद से विश्वास’ योजना लंबित प्रत्यक्ष कर (direct tax cases) विवादों को निपटाने के लिये एक बेहतर अवसर पेश करती है. उन्होंने लोगों से आगे आकर इस योजना का लाभ उठाने का आग्रह किया. वर्तमान में आयुक्त (अपील), आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी), उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के स्तर पर कुल मिलाकर 4.83 लाख कर विवाद लंबित हैं.

‘विवाद से विश्वास’ स्कीम में ये मामले होंगे शामिल

- विवादित टैक्स बकाये से जुड़ी रकम का मामला.

- विवादित ब्याज की रकम से जुड़े बकाये का केस.

- विवादित पेनाल्टी की रकम से जुड़े बकाये का वाद.

- री-असेसमेंट से जुड़े विवादित मामले का भी निपटारा.

- टीडीएस, TCS से जुड़े मामले का भी स्कीम में निपटारा.

- नोटबंदी की वजह से आए मामलों का भी निपटारा होगा.

- कमिश्नर अपील, ITAT, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के मामले.

- 31 जनवरी 2020 तक के लंबित मामलों का निपटारा

किस मामले में कितना पेमेंट करना होगा

- विवादित टैक्स के केस में 31 मार्च 2020 तक पूरी रकम

- 31 मार्च 2020 के बाद विवादित रकम+ 10% और रकम

- पेनाल्टी, ब्याज, फीस के केस में 31 मार्च तक 25% देकर खत्म

- 31 मार्च के बाद विवादित पेनाल्टी, फीस, ब्याज का 30% पेमेंट

 

इन मामलों का निपटारा नहीं

- अघोषित विदेशी संपत्ति, आय के मामले

- विदेशों से मिली जानकारी पर दर्ज टैक्स केस

- बेनामी संपत्ति का केस जिसमें केस दर्ज

- इनकम टैक्स का मामला जिसमें केस दर्ज

-PMLA से जुड़ा मामला जिसमें केस दर्ज

ऐसे काम करेगी यह स्कीम

- इनकम टैक्स डिपार्टमेंट निपटारे पर एक अथॉरिटी बनाएगा.

- अथॉरिटी के पास टैक्सपेयर को केस का डिक्लेरेशन देना होगा.

- अथॉरिटी ये बताएगा कि कितनी टैक्स, पेनाल्टी, ब्याज देनदारी.

- अथॉरिटी के बताए टैक्स, पेनाल्टी, ब्याज की रकम को चैलेंज नहीं.

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स्कीम क्यों लाई गई

वर्तमान में आयुक्त (अपील), आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी), हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के स्तर पर कुल मिलाकर 4.83 लाख कर विवाद लंबित हैं. वित्त मामलों की स्टेंडिंग कमेटी के मुताबित, इन मामलों में 5,02,157 करोड़ रुपये कॉरपोरेट टैक्स मामले, 4,94,671 रुपये के इनकम टैक्स मामले कोर्ट में चल रहे हैं. इस तरह इन मामलों में कुल 9,96,829 रुपये की रकम फंसी हुई है.