Mutual Funds चुनने से पहले क्या आपने चेक की स्टार रेटिंग? एक्सपर्ट से समझें इसका पूरा गणित
Mutual Funds में निवेश करने के पहले अक्सर लोग इसकी स्टार रेटिंग चेक करते हैं. आइए जानते हैं म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए स्टार रेटिंग कितना जरूरी पैमाना है.
Mutual Funds: अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो आपको Mutual Funds के स्टार रेटिंग के बारे में पता ही होगा. Mutual Funds में निवेश करने के पहले बहुत से लोग इन रेटिंग्स को ही देखते हैं. माना जाता है कि ये रेटिंग्स जितनी अच्छी होती है, फंड में रिटर्न का उतना ही फायदा मिलता है. बता दें कि Mutual Funds की इसी रेटिंग को स्टार रेटिंग बोला जाता है. आज इसी स्टार रेटिंग के बारे में विस्तार से जानेंगे. समझाएंगे कि स्टार रेटिंग से फंड चुनने का फायदा क्या होता है और यह भी जानेंगे कि क्या Mutual Funds चुनने का ये सबसे सही तरीका है? इसमें हमारे साथ होंगे ऑप्टिमा मनी के एमडी पंकज मठपाल.
Mutial Fund की स्टार रेटिंग
- किसी फंड को दी जाने वाली रेटिंग
- 1 से 5 के बीच होती है स्टार रेटिंग
- अलग-अलग कंपनियों की अलग रेटिंग
- फंड के रिस्क एडजस्टेड प्रदर्शन पर तुलना
- समान कैटेगरी के फंड से होती है तुलना
- कम रिस्क के साथ बढ़िया रिटर्न को अच्छी रेटिंग
कैसे तय होती है रेटिंग
- फंड के लंबी अवधि के प्रदर्शन पर रेटिंग तय
- कम से कम 3 साल,अधिकतम 10 साल का ट्रैक रिकॉर्ड
- हर महीने फंड रेटिंग की समीक्षा होती है
- फंड साइज और कैटेगरी भी बड़ा पैमाना
- हर वेबसाइट पर फंड की अपनी रेटिंग
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स्टार रेटिंग ही काफी?
- आज का स्टार रेटिंग फंड कल टॉप पर नहीं हो सकता है
- स्टार रेटिंग के आधार पर फंड सेलेक्ट नहीं करें
- फंड की अपने बेंचमार्क से तुलना भी जरूरी
- स्कीम का अल्फा जरूरी,बेंचमार्क इंडेक्स से अतिरिक्त रिटर्न देखें
- स्कीम के सेक्टर एलोकेशन पर ध्यान दें
- फंड मैनेजर की स्ट्रैटेजी भी जरूरी