क्या होता है Mutual Fund STP ? एसआईपी से कैसे है अलग, जानें कैसे करता है काम
म्यूच्युअल फंड में निवेश करने के कई तरीके होते हैं जैसे कि SIP, SWP, STP. आइए जानते हैं एसटीपी से निवेश के बारे में.
STP यानी कि सिस्टेमेटिक ट्रांसफर प्लान Systematic Transfer Plan. इस में आप एक म्यूच्युअल फंड स्कीम से दूसरी म्यूच्युअल फंड में आसानी से पैसा ट्रांसफर किया जा सकता है. Paisabazaar के मुताबिक एसटीपी का उपयोग लिक्विड और डेट फंड से इक्विटी फंड में ट्रांसफर करने के लिए जिया जाता है. एसटीपी एक बार में नहीं होकर अलग-अलग समय पर होता है जो कि निवेशक के द्वारा खुद ही किया जाता है. यहां पैसा म्यूच्युअल फंड से दूसरे म्यूच्युअल फंड में अलग-अलग समय पर ट्रांसफर किया जाता है, ताकि मार्केट की अनिश्चिताओं से बचा जा सके. आमतौर पर STP का यूज लिक्विड फंड या डेट फंड से पैसा इक्विटी फंड में ट्रांसफर करने के लिए होता है.
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STP कैसे करता है काम (How STP Works)
अगर आपके पास ₹ 1 लाख हैं और आप सिस्टेमेटिक ट्रांसफर प्लान के जरिए इक्विटी फंड में इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको लिक्विड फंड या डेट स्कीम ढूंढनी होगी और पूरा ₹ 1 लाख उस स्कीम में डालना होता है. अब मान लीजिए आप किसी डेट फंड में अपना पैसा डालते हैं. इसी समय तय कर लिया जाता है कि कितना पैसा हर महीना इक्विटी में ट्रांसफर होगा. मान लीजिए ₹ 10,000 आपको हर महीना ट्रांसफर करना है. तो इस तरह 10 महीनों में 10-10 हजार कर पूरा ₹1 लाख डेट फंड से ट्रांसफर हो कर इक्विटी फंड में चला जाएगा. इसी तरह सिस्टेमेटिक तरीके से पैसा एक म्यूच्युअल फंड से ट्रांसफर होकर दूसरे म्यूच्युअल फंड में चला जाता है. इससे रिस्क भी कम होती है.
STP के फायदे
1. क्योंकि यहां आप थोड़ा-थोड़ा कर सिस्टेमेटिक ढंग से इन्वेस्ट करते हैं, इसलिए यहां हाई रिटर्न की संभावना बढ़ती है.
2. STP के जरिए किसी अन्य MUTUAL FUND में पैसा ट्रांसफर करने से पहले आप अपना पैसा लिक्विड फंड या डेट फंड में रखते हैं.
3. एकमुश्त पैसा इक्विटी में डालना रिस्की हो सकता है. अगर किसी निवेशक को अभी निवेश और मार्केट से जुड़ी सारी जानकारी नहीं है तो यह और रिस्की हो सकता है. इसलिए जब आप STP के जरिए थोड़ा-थोड़ा कर इन्वेस्ट करते हैं तो आपकी रिस्क काफी कम हो सकती है.
SIP और STP में अंतर
SIP एक इन्वेस्टमेंट प्लान है और STP ट्रांसफर प्लान है. SIP में पैसा बैंक अकाउंट से डेबिट होकर म्यूच्युअल फंड स्कीम में जमा होता है. जबकि STP के जरिए एक म्यूच्युअल फंड से दूसरे म्यूच्युअल फंड में पैसा जमा होता है.