इनकम टैक्स (Income Tax) का नियम 132 को केंद्रीय प्रत्यक्ष बोर्ड  (CBDT) द्वारा पेश किया गया था. ये धारा 155 (18) आय की दोबारा गणना से रिलेटेड है.  आया की दोबारा गणना के लिए फॉर्म 69 का यूज किया जाता है. ये नियम व्यापारियों द्वारा भरे जाने वाले टैक्स पर सेस और सरचार्ज के बारे में जानकारी देता है. बिजनेस में होने वाले मुनाफे पर लगने वाले टैक्स को लेकर तो नियम साफ थे, लेकिन इस पर दिए जाने वाले सेस या सरचार्ज डिडक्शन के दायरे में आएंगे या नहीं ये साफ नहीं था. आपको बता दें धारा 155 में संशोधन किए जाने से पहले तक सेस या सरचार्ज के लिए किए जाने वाले भुगतान को एक्सपेंडीचर के रूप में ही देखा जाता था. और इस पर लोग डिडक्शन का दावा किया करते थे. लेकिन बाद में धारा 155 में सब section 18 जोड़ कर इस दावे को पूरी तरह खारिज किया गया. CBDT ने 29 सितंबर 2022 के दिन नोटिफिकेशन जारी किया और कहा कि असेसी को सरचार्ज पर दावे की अनुमति नहीं है.

टैक्स पेयर्स पर क्या असर 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस नियम से ये बात साफ हुई कि इनकम कैलकुलेट करते समय सरचार्ज पर डिडक्शन की परमिशन नहीं है. जिसका मतलब ये हुआ कि जिन भी लोगों ने इस कटौती के साथ आय डिक्लेयर की थी उन्हें दोबारा कैलकुलेशन के समय टैक्स देना होगा. यानी कि उनकी आय ज्यादा मानी जाएगी. और कम आय पर ड्यू टैक्स का आधा जुर्माने की तरह देना होगा.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

 

असेसी के लिए राहत 

असेसी के लिए ये राहत की बात भी होगी क्योंकि नियम 132 के मुताबिक वो सेस या सरचार्ज पर डिडक्शन के दावे को रद्द कर पिछले साल की कुल दोबारा गणना के लिए आवेदन कर सकता है. दोबारा गणना के लिए 31 मार्च 2023 या फिर उसके पहले ही फॉर्म संख्या 69 को जमा करना होगा. इसके बाद ही इनकम की कैलकुलेशन दोबारा होगी. और आपको एक तय समय में देय राशि देना होगी. कर के भुगतान के बाद असेसी को फॉर्म संख्या 70 में भुगतान का विवरण असेसिंग ऑफिसर को देना होगा.