Aadhaar Virtual ID: भारत में आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे तमाम डॉक्यूमेंट्स पहचान के प्रमाण के रूप में इस्तेमाल किए जा सकते हैं. लेकिन मौजूदा समय में आधार कार्ड सबसे महत्वपूर्ण और जरूरी डॉक्यूमेंट बन चुका है. आधार की जरूरतों को देखते हुए इसका इस्तेमाल भी बड़े पैमाने पर होता है. अब जब आधार कार्ड लगभग हर काम में इस्तेमाल हो रहा है तो इससे होने वाले धोखाधड़ी का जोखिम भी बढ़ता जा रहा है. आधार से होने वाले फ्रॉड से बचने के लिए जरूरी है कि हम बहुत ही सावधानी से इसका इस्तेमाल करें. आधार कार्ड जारी करने वाली एजेंसी UIDAI ने नागरिकों के आधार कार्ड की सुरक्षा के लिए कई फीचर्स उपलब्ध कराए हैं, जिससे न सिर्फ आधार कार्ड की सुरक्षा होती है बल्कि फ्रॉड का जोखिम भी काफी कम हो जाता है. इन्हीं फीचर्स में आधार वर्चुअल आईडी भी शामिल है. आइए जानते हैं कि ये आधार वर्चुअल आईडी क्या है और इसके क्या फायदे हैं?

आधार वर्चुअल आईडी (VID) क्या है

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आधार वर्चुअल आईडी एक 16 अंकों का टेम्पोरेरी और रीवोकेबल नंबर होता है जिसे आपके 12 अंकों वाले आधार नंबर के साथ मैप किया जाता है. ये 16 अंकों वाला आधार वर्चुअल आईडी, 12 अंकों वाले आधार नंबर का विकल्प होता है. इसे आधार के ऑथेंटिकेशन और ई-केवाईसी कराते वक्त आधार नंबर के स्थान पर इस्तेमाल किया जा सकता है. आधार नंबर से आधार VID जनरेट किया जा सकता है लेकिन आधार VID से आधार नंबर का पता नहीं लगाया जा सकता है और यही इसकी सबसे खास बात है.

आधार वर्चुअल आईडी (VID) का एक्सपायरी पीरियड क्या है

मौजूदा समय में आधार वर्चुअल आईडी का कोई एक्सपायरी पीरियड नहीं है. एक आधार कार्ड का वर्चुअल आईडी तब तक वैलिड रहता है जब तक कि उस आधार कार्ड के लिए कोई नया VID न जनरेट कर लिया जाए. बताते चलें कि आपके अलावा कोई भी दूसरा व्यक्ति आपके आधार कार्ड का वर्चुअल आईडी जनरेट नहीं कर सकता है. यही वजह है कि आधार कार्ड वर्चुअल आईडी आपके आधार कार्ड की सुरक्षा तो करता ही है, इसके साथ ही ये आपको फ्रॉड से भी बचाकर रखता है.