डायरेक्ट टैक्स (प्रत्यक्ष कर) वह टैक्स होता है जो सरकार वसूलती है आपसे आपकी कमाई के ऊपर. यानी आपने कमाई की है तो आपको यह टैक्स देना है और अगर कमाई नहीं की है तो टैक्स नहीं देना है. आयकर डायरेक्ट टैक्स में ही आता है. आप कमाई करते हैं तभी तो इनकम टैक्स भरते हैं.

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डायरेक्ट टैक्स में इनकम टैक्स के अलावा गिफ्ट टैक्स, वेल्थ टैक्स, कैपिटल गेन टैक्स आदि टैक्स भी शामिल होते हैं. अगर आप कमाई करते हैं तो इन टैक्सों का भुगतान करना होता है. कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स इस टैक्स के दायरे में आता है. जिस व्यक्ति या कंपनी ने कमाई की है उसे डायरेक्ट टैक्स देना ही होता है.

 

डायरेक्ट टैक्स में ये टैक्स शामिल

- आय कर (Income Tax)

- कैपिटल गेनस टैक्स (Capital Gains Tax)

- सिक्योरिटीज ट्रांसक्शन टैक्स (Securities Transaction Tax)

- कॉर्पोरेट कर (Corporate Tax)

- गिफ्ट टैक्स (Gift Tax)

लगातार बढ़ रही है डायरेक्ट टैक्स देने वालों की संख्या

वर्ष 2018 में प्रत्यक्ष कर देने वालों की संख्या 4 करोड़ से बढ़कर 6.75 करोड़ हुई थी और अप्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या जहां पहले 70 लाख थी, जीएसटी लागू होने के एक साल में ही बढ़कर 1.16 करोड़ पर पहुंच गई. यह आंकड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 72वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश को संबोधित करते हुए दिया था.