कोरोना काल के बाद से खासतौर पर मेडिकल इंश्योरेंस की जरूरत लोगों को महसूस हुई है. इंश्योरेंस कवर लेने में लोगों की रुची भी बढ़ी है. आगे समय अनिश्चित है इस समय में किसी भी तरह की बड़ी बीमारी का खतरा अचानक मंडरा सकता है. ऐसे में अगर आप नॉर्मल कवर लेते हैं तो मेडिकल इमरजेंसी में इलाज का खर्च 5 लाख रुपयों तक का ही कवर मिलता है लेकिन अगर आपकी मेडिकल इमरजेंसी में खर्च इससे ज्यादा हो जाता है तो ऐसे में आपको अपनी जेब से पैसे देने पर जाएंगे.  बड़ी बीमारयों का इलाज काफी महंगा भी होता है एक दम पैसों का इंतजाम करना हर किसी के लिए आसान नहीं होता. कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों में पेशेंट को जल्द से जल्द इलाज की भी जरूरत होती है. ऐसे में लाखों रुपए के खर्चे को आप टॉप अप और सुपर टॉप अप प्लान लेकर कवर कर सकते हैं.

क्या होते हैं Top-Up, super top-up plans 

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हेल्थ इंश्योरेंस में टॉप-अप और सुपर टॉप-अप प्लान कम प्रीमियम में आपको बड़े जोखिम से सुरक्षा प्रदान करते हैं. बेसिक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ आप टॉप अप प्लान भी ले सकते हैं. ऐसे में अगर मेडिकल कंडीशन में आपका खर्च ज्यादा होता है तो आपके टॉप अप प्लान से ये खर्चा कवर हो जाता है. इसे उदाहरण के तौर पर भी समझा जा सकता है. अगर आपके पास 2 लाख रुपए की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है तो आप 5 लाख का टॉप-अप प्लान लेते हैं तो अब आपकी कुल समअश्योर्ड राशि 7 लाख हो जाएगी 

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क्या है दोनों प्लान में अंतर 

बढ़ती स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं और बढ़ते खर्चों को ध्यान में रखते हुए हेल्थ पॉलिसी के साथ टॉप अप और सुपर टॉप अप प्लान एक अतिरिक्त फायदे की तरह है. दोनों ही आपके हेल्थ कवरेज को बढ़ाते हैं. इनकी मदद से मेडिकल इमरजेंसी के समय होने वाले अतिरिक्त खर्चों को आसानी से  कवर किया जा सकता है. अच्छी बात ये है कि इन कवर्स के साथ आपको टैक्स बेनिफिट भी दिया जाता है. तो ऐसे में आपको टैक्स में छूट का लाभ तो मिलता ही है साथ ही साथ ही मेडिकल इमरजेंसी में फायदा भी. इसलिए ये एक अच्छा टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट भी  है.