म्यूच्युअल फंड में निवेश करते समय आपके पास एक विकल्प और होता है, हाइब्रिड म्यूच्युअल फंड (Hybrid Fund) का. यहां निवेशक एक फंड के अंदर ही कई एसेट क्लास में निवेश करते हैं. यह दो या उससे अधिक एसेट क्लास का कॉम्बिनेशन हो सकता है. इन फंड में इक्विटी, सोना, डेट और इंटरनेशनल इक्विटी अलग-अलग रेश्यो में शामिल होते हैं. हाइब्रिड फंड की 6 सब-कैटेगरी होती हैं.

एग्रेसिव हाइब्रिड फंड (Aggressive Hybrid Funds)

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जो लोग निवेश करते समय अधक जोखिम ले सकते हैं वह इस विकल्प का चयन कर सकते हैं. इसमें 65 से 80 प्रतिशत पैसा इक्विटी में निवेश किया जाता है, वहीं 20 से 35 प्रतिशत हिस्सा निश्चित आय उपकरणों में इन्वेस्ट किया जाता है. 5 साल से ज्यादा अवधि के निवेश करते समय आप इस पर विचार कर सकते हैं.

कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड (conservative hybrid fund)

इस फंड में 10 से 25 प्रतिशत पैसा इक्विटी में निवेश किया जाता है, इसके अलावा बाकी पैसे को डेट इंस्ट्रूमेंट्स जिसमें कॉर्पोरेट और सरकारी बॉन्ड और नॉन- कनवर्टिबल डिबेंचर शामिल होते हैं, में निवेश किया जाता है. आमतौर पर डेट निवेश नियमित और स्थिर आय के लिए किया जाता है.

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 डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड (dynamic asset allocation fund)

निवेशक जहां रिस्क का आकलन करते हुए अपने पोर्टफोलियो में कुछ बदलाव करते हैं. तो मार्केट के आधार पर पोर्टफोलियो में बदलाव करने की इस रणनीति को  डायनेमिक एसेट एलोकेशन कहा जाता है. ये फंड इक्विटी फंड और निश्चित इनकम उपकरणों के बीच बैलेंस रखता है.

आर्बिट्रेज फंड (Arbitrage Funds)

कुछ सिक्योरिटी में भाव में अंतर का फायदा उठाना आर्बिट्रेज कहलाता है. कुछ स्टॉक के भाव NSE और BSE पर एक समान नहीं होते हैं इनमें कुछ अंतर होता है. कभी- कभी ये फर्क कुछ रुपयों तक का भी हो सकता है. इसी का फायदा उठा कर रिस्क फ्री मुनाफा कमाए जाने की इस योजना को आर्बिट्रेज फंड कहा जाता है. आर्बिट्रेज फंड स्पॉट और फ्यूचर मार्केट में इक्विटी शेयरों के भावों में जो अंतर है, उस पर काम करता है.

मल्टी एसेट एलोकेशन फंड (Multi Asset Allocation Fund)

यह फंड कम से कम तीन अलग-अलग एसेट्स में निवेश करता है. हर एक में कम से कम 10% पैसा लगाया जा सकता है.

इक्विटी सेविंग फंड 

ये फंड इक्विटी, डेट और आर्बिट्रेज का एक मिश्रण होते हैं. यह फंड अपनी कुल संपत्ति का कम से कम 65 प्रतिशत इक्विटी में जिसमें भी ज्यादातर आर्बिट्रेज में और बाकी डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करता है. लेकिन डेट इंस्ट्रूमेंट में मिनिमम 10 प्रतिशत निवेश होना जरूरी होता है. ऐसे फंड उनके लिए अच्छे विकल्प होते हैं जो इक्विटी में निवेश भी करना चाहते हैं पर साथ ही सिक्योर भी रहना चाहते हैं.