Mutual Funds को निवेश के मामले में काफी अच्‍छा ऑप्‍शन माना जाता है. मार्केट लिंक्‍ड होने के बावजूद इस स्‍कीम के जरिए बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं. म्‍यूचुअल फंड्स में निवेश के कई तरीके हैं जैसे डेट फंड्स (Debt Funds), इक्विटी फंड्स (Equity Funds) और हाइब्रिड फंड (Hybrid Funds). अगर आप म्‍यूचुअल फंड्स में पहली बार निवेश करने जा रहे हैं तो आपको इन्‍वेस्‍टमेंट के इन तरीकों के बारे में अच्‍छी तरह से समझ लेना चाहिए. ये जानकारी आपके लिए बहुत काम की हो सकती है.

Debt Funds

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अगर आप बेहद कम जोखिम के साथ और छोटी अवधि के लिए म्‍यूचुअल फंड्स में निवेश करना चाहते हैं तो डेट फंड्स को इस मामले में बेहतर विकल्‍प माना जाता है. डेट फंड्स में निवेशकों से लिया गया पैसा फिक्स्ड इनकम सिक्‍योरिटी में लगाया जाता है जैसे बॉन्‍ड, गवर्नमेंट सिक्योरिटी, ट्रेजरी बिल और नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर आदि. यानी डेट फंड का पैसा सुरक्षित जगह पर निवेश किया जाता है. डेट फंड को इक्विटी के मुकाबले ज्‍यादा सुरक्षित माना जाता है. इसमें लिक्विडिटी की भी कोई समस्या नहीं होती है. यानी जब चाहें आप अपना पैसा निकाल सकते हैं. आमतौर पर डेट फंड की तय मैच्योरिटी डेट होती है. डेट फंड में निवेशक को इक्विटी जैसे ज्यादा रिटर्न की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. Debt Funds से मुनाफे पर टैक्स का प्रावधान है. 

Equity Funds

Equity Funds स्टॉक फंड के नाम से भी जाना जाता है. इक्विटी में आपका पैसा स्‍टॉक्‍स में लगाया जाता है. अगर निवेश का लंबे समय तक का प्लान है तो फिर निवेशक को इक्विटी फंड में इन्‍वेस्‍ट करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि वो बाजार में अस्थिरता से हुए नुकसान को पूरा कर सकते हैं. इक्विटी फंड अगर लॉन्ग टर्म्स के लिए है तो इसमें डेट फंड्स की तुलना में ज्यादा रिटर्न की संभावना होती है. हालांकि, इसमें मार्केट के स्थिर रहने पर निगेटिव रिटर्न्स की भी काफी आशंका होती है. 

Hybrid Funds

हाइब्रिड फंड वो म्यूचुअल फंड स्कीम है जो इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करती है. कई बार फंड का पैसा सोना में भी लगाया जाता है. अगर आप बाजार के रिस्‍क से बचना चाहते हैं तो हाइब्रिड फंड का चुनाव कर सकते हैं.  इक्विटी और डेट से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स दोनों में निवेश करने के कारण हाइब्रिड फंड को बैलेंस्ड फंड भी कहा जाता है. अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश के कारण इसमें निवेश से डाइवर्सिफिकेशन का फायदा मिलता है. हाइब्रिड फंड में बाजार के उतार-चढ़ाव का सामना करने की क्षमता होती है. इनसे रिटर्न अच्‍छा मिलता है.