शादी-विवाह के मौसम में लोगों को अक्सर उपहार या गिफ्ट मिलते हैं. गिफ्टयहां आपको यह याद दिलाना जरूरी है कि अगर आप आयकर के दायरे में आते हैं और आपको ऐसे मौकों पर उपहार मिलते हैं तो आपको इन बातों का विशेष खयाल रखना चाहिए. के रूप में कई बार नकद राशि तो कभी जूलरी भी मिलते हैं. ऐसे मौकों पर अक्सर देखा जाता है कि लोग इन उपहारों की डिटेल नहीं रखते या यूं कहें कि इस मामले में थोड़ी लापरवाही भी होती है.

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उपहार के डिटेल रखने के फायदे

अगर आप मिले हुए गिफ्ट की डिटेल रखते हैं तो आपको आयकर से संबंधित परेशानी से बचने में मदद मिलती है. कर विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आप अपने बेटे को भी उपहार के तौर पर कोई नकद राशि, प्रॉपर्टी, चेक या आभूषण देते हैं तो आपको इसकी डिटेल भी रखनी चाहिए. ये डिटेल आपको आयकर से जुड़े मामलों में मदद करेंगे. इसलिए इन दस्तावेंजों को संभाल कर रखें.

बड़े उपहार का डॉक्यूमेंट बनाना जरूरी

अगर आपको उपहार के रूप में कुछ बड़ी राशि या कोई संपत्ति या प्रॉपर्टी प्राप्त हुई है तो इसका डॉक्यूमेंट अवश्य बनवाएं. विकल्प के तौर पर आप इसका गिफ्ट डीड बना सकते हैं. इसे बनवाने से गिफ्ट देने वाले और लेने वाले दोनों की जानकारी रिकॉर्ड के रूप में सुरक्षित रहती है. आपको मिलने वाले उपहार में चल और अचल दोनों तरह की संपत्तियां हो सकती हैं.

 

फाइल फोटो - रॉयटर्स

ये होता है फायदा

अगर आप महंगे उपहार का गिफ्ट डीड बनवा लेते हैं तो आप टैक्स बचा सकते हैं. आभूषण, प्रॉपर्टी या नकदी जैसे उपहार के लिए गिफ्ट डीड बनाए जा सकते हैं. इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, इसका बड़ा फायदा यह है कि गिफ्ट डीड के जरिये अगर प्रॉपर्टी ट्रांसफर होता है तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन या लॉस पर टैक्स देने से आपको राहत मिलती है. इसमें स्टाम्प ड्यूटी उस संपत्ति की कीमत के मुताबिक चुकाना होता है. एक और बात जान लें कि अगर आपको 50 हजार रुपये से अधिक राशि गिफ्ट के रूप में मिलती है तो समूची राशि कर देनदारी के दायरे में आती है.