Wealth Creation ULIP Plan: पैसा बनाने के लिए बहुत सारे इन्वेस्टमेंट टूल्स हैं. लेकिन, अक्सर लोगों को तलाश रहती है कि जिसमें उन्हें रिटर्न के साथ-साथ कुछ और भी बेनिफिट्स मिलें. वेल्थ क्रिएशन के लिए ऐसे कई प्लान मार्केट में मौजूद हैं, जो आपकी दौलत बढ़ाने के साथ-साथ टैक्स छूट और दूसरे फायदे देते हैं. इनमें ही एक है यूलिप स्कीम. यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) एक तरह का लाइफ इंश्योरेंस प्रोडक्ट है. इसमें कस्टमर को इंश्योरेंस के साथ वेल्थ क्रिएशन का डबल बेनिफिट मिलता है. मार्केट में मौजूद टैक्स सेविंग्स के साथ दूसरे प्रोडक्ट्स के मुकाबले एक बेहतरीन इन्वेस्टमेंट टूल है.

ULIP में क्यों करना चाहिए निवेश?

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Investionline.in के CEO अभिनव अंगिरीश के मुताबिक, अगर आप लंबे समय के लिए कम जोखिम के साथ निवेश करना चाहत हैं, तो ULIP एक बेहतर विकल्प साबित होता है. इसमें आपको लाइफ कवर को भी प्लान में शामिल करना होता है. अगर आप निवेश में कम जोखिम के साथ टैक्स भी बचाना चाहते हैं, तो ULIP में निवेश कर सकते हैं.

क्या है ULIP स्कीम के बेनिफिट्स

Ulip के प्रीमियम का एक हिस्सा निवेश और दूसरा हिस्सा बीमा कवर के लिए इस्तेमाल होता है. ULIP के प्रीमियम की एवज में 1 वित्त वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक टैक्स डिडक्शन (tax deduction) के लिए एलिजिबल है. सेक्शन 80C के तहत इसमें टैक्स छूट मिलती है. Ulip का बड़ा फायदा ये है कि इसमें मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम पूरी तरह टैक्स फ्री होती है. ULIP आपको 5 साल के लॉक-इन पीरियड में टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट, NSC और पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट से बेहतर रिटर्न देता है.

विड्रॉल के नियम: इमरजेंसी में निकाल सकते हैं पैसा

ULIP से 5 साल के लॉक-इन पीरियड के बाद पैसा विड्रॉल करने पर भी कोई टैक्स नहीं देना होता. मतलब पार्शियल विड्रॉल भी इस स्कीम में टैक्स फ्री है. वहीं, पॉलिसी की अवधि के दौरान पॉलिसी होल्डर की मृत्यु होने पर उसके नॉमिनी को इंश्योरर की तरफ एकमुश्त रकम दी जाती है. इस रकम पर भी इनकम टैक्स नियमों के तहत छूट मिलती है.

LTCG टैक्स छूट

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स को यूनियन बजट 2018 में पेश किया गया था. यह टैक्स इक्विटी मार्केट से कमाए प्रॉफिट पर लागू होता है, लेकिन अगर प्रॉफिट 1 लाख रुपए से ज्यादा है. हालांकि, ULIP इक्विटी मार्केट में निवेश का ऑप्शन देता है, यहां 2.5 लाख रुपए तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं है. हालांकि, एक साल में 2.5 लाख रुपए से ऊपर कमाई गई इनकम टैक्स लायबिलिटी होती है.