VRS लेने का मन बना रहे हैं, तो पहले इस तरह करें फ्यूचर प्लानिंग, ताकि बाद में न हो कोई पछतावा
अगर आप वीआरएस लेने का मन बना चुके हैं, तो एक बार फैसला लेने से पहले एक बार फ्यूचर प्लानिंग जरूर कर लें, ताकि बाद में आपको अपने फैसले पर कोई पछतावा न हो क्योंकि वीआरएस लेने के बाद आपको कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.
40 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति और जो 10 सालों से ज्यादा समय की नौकरी कर चुके हैं, वे सभी कर्मचारी समय से पहले नौकरी से रिटायरमेंट ले सकते हैं. स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (Voluntary Retirement Scheme- VRS) के तहत सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को ये सुविधा मिलती है. वहीं विशेष परिस्थितियों में कंपनी खुद भी वीआरएस योजना को लागू करके कर्मचारी को समय से पूर्व रिटायरमेंट दे सकती है.
लेकिन अगर कर्मचारी खुद VRS लेने का फैसला लेते हैं तो उन्हें नियुक्ति प्राधिकारी को 3 महीने पहले इसका नोटिस देना होता है और ये स्पष्ट करना होता है कि वो क्वालिफाइंग सर्विस को पूरा कर चुका है. अगर आप भी वीआरएस लेने का मन बना चुके हैं, तो एक बार फैसला लेने से पहले एक बार फ्यूचर प्लानिंग जरूर कर लें, ताकि बाद में आपको अपने फैसले पर कोई पछतावा न हो.
पहले समझिए आपको क्या मिलेगा
जब आप वीआरएस लेते हैं तो आपको जो भी सैलरी पिछले 18 महीनों में मिली है, उसका 50 प्रतिशत के बराबर आपको नौकरी की शेष अवधि के लिए दिया जाता है. मान लीजिए कि आपको हर महीने 1 लाख रुपए वेतन मिलता है, तो पांच सालों की बची हुई सेवा के लिए आपको 30 लाख रुपए दिए जाएंगे. इसके साथ ही ग्रेच्युटी, पेंशन और भविष्य निधि जैसे लाभों का भी भुगतान किया जाएगा. इसके अलावा तमाम कंपनियों में रिटायरमेंट के बाद का मेडिकल कवर होता है, अगर आपकी कंपनी में ये मौजूद है तो वीआरएस के बाद वो आपके लिए भी लागू होगा.
स्थितियों का मूल्यांकन करें
इस मामले में फाइनेंशियल एडवाइजर शिखा चतुर्वेदी कहती हैं कि वीआरएस का फैसला लेने से पहले आपको इस बात का मूल्यांकन कर लेना चाहिए कि आपको रिटायरमेंट के समय और वीआरएस के समय क्या बेनिफिट्स मिलेंगे. अगर आप वीआरएस नहीं लेते हैं तो आपको कितने बोनस, इंक्रीमेंट वगैरह मिलेंगे. इस कैलकुलेशन से आपको समझ आ जाएगा कि आपको वीआरएस लेना चाहिए या नहीं. अगर आपकी नौकरी 5 या 3 साल की ही बची है, तो बेहतर है कि आप उसे पूरा करें और प्रॉपर रिटायरमेंट लें.
फ्यूचर को लेकर करें प्लानिंग
वीआरएस लेने के बाद आपकी आमदनी बंद हो सकती है. आपको जो पैसा वीआरएस के दौरान मिला है, उसी को मैनेज करके अपना काम चलाना होगा. इस स्थिति के बारे में भी आपको पहले से सोच लेना चाहिए. इसलिए वित्तीय समस्या से निपटने के लिए या तो पहले से कोई दूसरी नौकरी ढूंढ लीजिए या किसी बिजनेस की शुरुआत कीजिए, ताकि आपको आर्थिक तंगी न झेलनी पड़े.
इमरजेंसी फंड तैयार करें
वीआरएस लेने से पहले आपको इमरजेंसी फंड जरूर बना लेना चाहिए क्योंकि आय का नया सोर्स तलाशने में थोड़ा समय लगता है. ऐसे में आपके पास कम से कम 12 महीनों के लिए इतना फंड होना चाहिए कि आपके जरूरी खर्चे जैसे ईएमआई, प्रीमियम वगैरह के भुगतान को लेकर किसी तरह की समस्या न हो.
अपनी राशि को निवेश करें
वीआरएस के दौरान आपको जो एकमुश्त राशि मिलेगी उसे आप निवेश जरूर करें, ताकि आपके लिए भविष्य में आर्थिक संकट न आए. इसके लिए आप एसआईपी, नेशनल पेंशन स्कीम, सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम, पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट, बैंक एफडी आदि तमाम योजनाओं में निवेश कर सकते हैं.