अगर आप किसी Income Tax मामले में फंसे हैं तो आयकर विभाग (Income Tax Department) ने साफ किया है कि ‘विवाद से विश्वास’ ('Vivad se Vishwas') योजना में कौन से ऐसे केस कवर होंगे. आयकर मामलों में मुकदमेबाजी खत्म करने के लिए घोषित ‘विवाद से विश्वास’ योजना के दायरे में उन मामलों का भी समाधान किया जा सकता है, जो इस समय विदेशी अदालतों में रुके हैं. आयकर विभाग ने शनिवार को इस योजना के विषय में एक विज्ञापन (Advertisement) जारी किया. इसमें इस योजना को आयकर विवाद निपटाने का एक ‘स्वर्णिम अवसर’ बताया गया है. इस विज्ञापन में विवाद से विश्वास योजना की मुख्य बातें बतायी गई हैं. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सरकार ने इस योजना की अधिसूचना अभी जारी नहीं की है. इसमें बताया गया है कि वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट 2020 (Budget 2020) में यह जो योजना घोषित की है, उसमें आवेदन की पात्रता क्या है? इसमें किन विवादों का निपटान किया जा सकता है? और भुगतान की शर्तें क्या क्या होंगी? 

इसमें बताया गया है कि विवाद वाले ऐसे मामले भी इस योजना में आएंगे, जहां भुगतान तो पहले किया जा चुका है, लेकिन Tax Payer या कर विभाग ने मामले में अपील या रिट याचिका दायर कर रखी है. इसी तरह भारत और भारत के बाहर पंच-निर्णय आदलतों में लंबित मामलों को भी इसके तहत निपटाया जा सकता है. 

विज्ञापन के मुताबिक इस साल 31 जनवरी से पहले दाखिल अपील और याचिका के मामले इस योजना में शामिल किए जा सकते हैं. वे आदेश भी इसमें आ सकते हैं, जिनमें अपील करने की डेडलाइन 31 जनवरी से पहले खत्म नहीं हुई थी, विवाद निपटान समिति (DRP) के समक्ष लंबित मामले, जिसमें डीआरपी ने 31 जनवरी 2020 के पहले दिशानिर्देश जारी कर दिया था, पर कोई आदेश जारी नहीं किया गया था, ऐसे छापे के मामले जिसमें करदाता ने पुनरीक्षण दायर कर रखा है और जहां विवादित कर देनदारी 5 करोड़ रुयये से अधिक की नहीं है. 

इस योजना में Tax, Penalty, Interest, Fees और TDS और ऐसे सभी प्रकार के विवादों के हल के लिए अप्‍लाई किया जा सकता है. पेमेंट के संबंध में शर्त है कि इसके तहत कर की शत-प्रतिशत रकम 31 मार्च तक जमा करनी होगी. छापे के मामलों में 31 मार्च तक विवादित Tax के 125 प्रतिशत के बराबर की राशि जमा करानी होगी. 

लेकिन यदि अपील केवल Penalty, Interest या Fees के विवाद को लेकर है तो उसमें 31 मार्च तक संबंधित रकम के केवल 25 प्रतिशत का भुगतान करना होगा. 31 मार्च 2020 के बाद योजना की अंतिम तारीख 30 जून तक भुगतान करने पर करदाता को उपरोक्त स्थितियों में क्रमश: 110 प्रतिशत, 135 प्रतिशत और 30 प्रतिशत की दर से भुगतान करना होगा.