Budget 2022 Expectation: देश के बजट की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. 1 फरवरी 2022 को वित्त मंत्री निर्माला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) बजट पेश करेंगी. हर साल की तरह इस साल भी बजट (Union Budget) से सबसे ज्यादा उम्मीदें टैक्सपेयर्स (Taxpayer) को हैं. पिछले कई सालों में उनके लिए ऐसा कोई बदलाव नहीं हुआ है, जिससे उनका टैक्स का बोझ कम हुआ हो या फिर बचाने में मदद मिली हो. ऐसी में साल 2022 का बजट काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. तमाम सेक्टर्स अपनी-अपनी विश लिस्ट वित्त मंत्री को भेज चुके हैं. 

इंश्योरेंस सेक्टर पर फोकस बढ़ा

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कोरोना महामारी (Covid-19 pandemic) के चलते पिछले दो साल में इकोनॉमी पर काफी दबाव रहा है. खासकर हेल्थ सेक्टर पर काफी फोकस बढ़ा है. महामारी के चलते लोगों ने हेल्थ पर ज्यादा ध्यान देना शुरू किया है. इसमें सबसे ज्यादा फोकस में इंश्योरेंस सेक्टर (Insurance sector) रहा. कोरोना की वजह से कई जिंदगियां छिन गईं. ऐसे में लोगों ने लाइफ इंश्योरेंस को काफी प्राथमिकता दी है. इनकी संख्या में काफी तेजी आई है. लेकिन, टैक्सपेयर्स को इस मामले में अब छूट का इंतजार है.

मिल सकती है बड़ी छूट

बजट 2022 से उम्मीदें है कि इस बार टैक्सपेयर्स को बड़ी छूट दी जा सकती है. सूत्रों के मुताबिक, बजट में टैक्सपेयर को राहत देने के लिए लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) को इनकम टैक्स (Income tax) एक्ट के सेक्शन 80C (Section 80C) से बाहर किया जा सकता है. अभी तक सेविंग्स- जैसे EPF, PPF और लाइफ इंश्योरेंस जैसे प्रोडक्ट 80C में कवर होते हैं. लेकिन, इन सबकी लिमिट सिर्फ 1.50 लाख रुपए है. अब खबर है कि सरकार लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम को 80C से बाहर करके नई कैटेगरी में डाल सकती है. इससे टैक्सपेयर्स को बड़ा फायदा हो सकता है. उन्हें टैक्स बचाने के लिए क्लेम करने में फायदा होगा. 

इंडस्ट्री की विश लिस्ट में भी शामिल

बता दें, इंडस्ट्री ने भी अपनी उम्मीदें वित्त मंत्री को सौंपी थीं, जिसमें इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST को कम करने की डिमांड के साथ इसे धारा 80C से बाहर रखने की डिमांड की गई थी. वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इस विश लिस्ट को बजट में शामिल किया जा सकता है. इंडस्ट्री एक्सपर्ट के मुताबिक, Budget 2022 में हेल्त सर्विस को मजबूत बनाने पर फोकस होना चाहिए. लेकिन, आर्थिक विकास के लिए टैक्सपेयर्स को राहत देना भी उतना ही जरूरी है.

80C से इंश्योरेंस को बाहर करने की मांग

लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर ने इनकम टैक्स (Income Tax) 80C के तहत आने वाली कटौतियों में लाइफ इंश्योरेंस को अलग करने की मांग रखी है. मौजूदा सिस्टम में सेक्शन 80C में सभी सेविंग विकल्पों को जोड़ा जाता है और इसकी लिमिट 1.50 लाख रुपए है. लाइफ इंश्योरेंस को 80C से बाहर करने से इसकी पहुंच और ज्यादा बढ़ेगी. टैक्स सेविंग के लिए अलग कैटेगरी होने से लाइफ इंश्योरेंस की डिमांड और बढ़ेगी. एक अलग सेक्शन टैक्सपेयर्स के फंड को लंबी अवधि और छोटी अवधि में अलग-अलग करने में मदद करेगा.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें