एसबीआई की एक और बड़ी सौगात, कैश जमा करने के नियम बनाए और सरल
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने खाताधारकों को बड़ी राहत दी है. उसने दूसरी ब्रांच (नॉन होम) में कैश जमा करने की रकम पर से सीमा हटा दी है.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने खाताधारकों को बड़ी राहत दी है. उसने दूसरी ब्रांच (नॉन होम) में कैश जमा करने की रकम पर से सीमा हटा दी है. एसबीआई के टि्वटर एकाउंट में दी गई जानकारी के मुताबिक अब नॉन होम ब्रांच में कैश डिपॉजिट करने का अपर कैप अपडेट कर दिया गया है. नॉन होम ब्रांच वह सभी ब्रांच हैं जिसमें आपका खाता नहीं है.
लाइव मिंट की खबर के मुताबिक एसबीआई के ट्वीट के मुताबिक अगर कोई नॉन होम ब्रांच से अपने पर्सनल सेविंग अकाउंट में कैश जमा करता है तो उस पर कोई सीमा नहीं है. हालांकि पहले यह सीमा 25 हजार रुपए थी. एसबीआई नॉन होम ब्रांच में कैश डिपॉजिट पर 50 रुपए (जीएसटी अलग) शुल्क वसूलेगा. एसएमई सेगमेंट एकाउंट के लिए बैंक ने अब भी कैश डिपॉजिट सीमा दो लाख रुपए प्रति दिन रखी है.
इससे पहले बैंक ने लोगों के बैंक खाते को सुरक्षित रखने के लिए बड़ा फैसला लिया था. एसबीआई के मुताबिक किसी के खाते में कोई दूसरा शख्स पैसे नहीं जमा करा पाएगा. यानी अगर मिस्टर 'A' का एसबीआई में बैंक खाता है तो केवल वही कैश काउंटर पर जाकर पैसे जमा करा पाएगा. यहां तक की कोई पिता भी अपने बेटे के SBI खाते में पैसे नहीं जमा करा पाएगा.
जब इस नियम को लागू करने के पीछे की वजह पूछी गई तो बैंक ने बताया कि नोटबंदी के दौरान कई बैंक खातों में बड़ी संख्या में 1000 और 500 रुपए के नोट जमा किए गए थे. अब जांच के बाद जब लोगों से इतने सारे नोटों के बारे में पूछा जा रहा है तो उनका कहना है कि किसी अनजान शख्स ने उनके बैंक खातों में पैसे जमा करा दिए हैं. उनका उससे कोई लेना-देना नहीं है. इसके बाद आयकर विभाग ने सरकारी बैंकों से अनुरोध किया है कि वे ऐसे नियम बनाएं कि कोई दूसरा शख्स किसी के बैंक खाते में नकद रुपए नहीं जमा करा पाए, ताकि कोई व्यक्ति अपने बैंक खाते में जमा पैसे के बारे में अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही से बच न सके. बैंक का कहना है कि इस व्यवस्था के लागू होने के बाद से आतंकी फंडिंग पर भी लगाम लगने की उम्मीद है.