सार्वजनिक क्षेत्र के यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया ने विभिन्न परिपक्वता अवधि वाले कर्ज पर कोष की सीमांत लागत आधारित दर (एमसीएलआर) में 0.05 प्रतिशत तक की वृद्धि की है. संशोधित दरें 14 सितंबर 2018 से लागू होंगी.

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इस महीने की शुरुआत में भारतीय स्टेट बैंक ने विभिन्न परिपक्वता अवधि वाले कर्ज पर एमसीएलआर में 0.2 प्रतिशत की वृद्धि की थी. इसी प्रकार, आईसीआईसीआई बैंक ने एक वर्ष की अवधि के लिए एमसीएलआर को 0.15 प्रतिशत बढ़ाकर 8.55 प्रतिशत किया. बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी विभिन्न परिपक्वता अवधि के लिए एमसीएलआर में 0.05 प्रतिशत तक की वृद्धि की थी. 

आपको बता दें कि 1 अगस्त को रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6.50 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसदी इजाफ के साथ 6.25 प्रतिशत कर दिया था. बढ़ती महंगाई की वजह से रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट बढ़ाया गया था.

यूनाइटेड बैंक ने गुरुवार को शेयर बाजार को बताया, 'बैंक की संपत्ति देनदारी समिति ने विभिन्न परिपक्वता अवधि के लिये एमसीएलआर में संशोधन किया है.' बैंक ने एक वर्ष की परिपक्वता अवधि के लिये एमसीएलआर को 8.80 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.85 प्रतिशत किया है. छह महीने और तीन महीने की परिपक्वता अवधि के लिये एमसीएलआर को बढ़ाकर क्रमश: 8.65 और 8.55 प्रतिशत किया गया है. बैंक ने कहा कि एक दिन और एक महीने की अवधि के लिये एमसीएलआर को 8.15 प्रतिशत और 8.40 प्रतिशत किया गया है.

इनपुट एजेंसी से