Third party motor insurance premium hike: आगामी 1 अप्रैल से नई गाड़ी और बाइक (Buying new car and bike) खरीदने के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के लिए ग्राहकों को 17 से 23 परसेंट तक ज्यादा पैसे देने पड़ सकते है. रोड ट्रांसपोर्ट मंत्रालय ने इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI के साथ कंसल्टेशन कर वित्त वर्ष 202-23 के लिए थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस की प्रस्तावित दरों (Third party insurance premium hike) को एलान कर दिया है. इंडस्ट्री से मिलने वाले सुझावों के बाद नई दरें 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएगी. 

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हर गाड़ी के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस जरूरी

मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) के मुताबिक सड़क पर चलने वाली हर गाड़ी के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होना जरूरी है और सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बाद सितंबर 2018 से बिकने वाली हर नए 4 व्हीलर के लिए 3 साल का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस और 2 व्हीलर के लिए 5 साल का जरूरी थर्ड पार्टी इंश्योरेंस गाड़ी की बिक्री के वक्त ही होना जरूरी है इसलिए नई गाड़ी की खरीद पर थर्ड पार्टी इंश्योरेंस बढ़ोतरी का भार थोड़ा ज्यादा आता है. 

किसे कितना ज्यादा देना होगा

बता दें, अब 1500 CC तक की गाड़ी खरीदने वालों को 1200 रुपए तक ज्यादा थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के देने होंगे और 150 cc तक के टू-व्हिलर के लिए ग्राहक को 600 रुपए ज्यादा देने होंगे. प्राइवेट कार के लिए, उनकी इंजन क्षमता के आधार पर बढ़ोतरी ₹7-195 तक  प्रस्तावित है और टू-व्हीलर के लिए प्रस्तावित बढ़ोतरी 58 रुपये से लेकर 481 रुपये तक है. 75-150 CC बाइक के लिए ₹38 की कटौती का भी सुझाव दिया गया है, कमर्शियल गुड्स व्हीकल पर मामूली बढ़ोतरी प्रस्तावित है 

दरों में 10-15% बढ़ोतरी का प्रस्ताव था

1 अप्रैल 2020 से मोटर थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की दरों में 10-15% बढ़ोतरी का प्रस्ताव था लेकिन कोरोना माहामारी की शुरुआत के बाद दरों में बदलाव नहीं हुआ और साल 2021 में भी इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने कोविड की वजह से थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस में बदलाव नहीं किया. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में आखिरी बार बदलाव जुन 2019 में हुआ था. प्राइवेट कारों, टू व्हीलर्स, माल ढोने वाले वाणिज्यिक वाहनों और यात्री ढोने वाले वाहनों सहित इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए 15% की छूट का प्रस्ताव किया गया है. हाइब्रिड इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए, नोटिफिकेशन में 7.5% छूट का प्रस्ताव किया गया है.

कंपनियों की थी पुरानी डिमांड

देश में मौजूद 25 जनरल इंश्योरेंस कंपनियां लंबे वक्त से थर्ड पार्टी प्रीमियम में बढ़ोतरी की मांग कर रही थी. कंपनियों के मुताबिक मौजूदा दरें Sustainable नहीं, कुछ कंपनियों की सॉल्वेंसी तय मानक से नीचे आई है और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस जुड़े क्लेम में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जिससे कंपनियों पर दबाव बना है. 2018 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नई नई टू व्हीलर की बिक्री पर 5 साल का और फोर व्हीलर पर 3 साल का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस जरूरी है. इसलिए मार्च 2022 में बिकने वाले टू व्हीलर के लिए 2027 तक का बीमा कवर दिया जा रहा है. 2019 की थर्ड पार्टी इंश्योरेंस प्रीमियम दरों के मुताबिक है इसलिए एकमुश्त लॉन्ग टर्म इंश्योरेंस में सालान इंश्योरेंस की तुलना में बढ़ोतरी ज्यादा है 

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लोगों की जेब पर पड़ेगा असर

इंश्योरेंस रेगुलेटर आईआरडीए कि वित्त वर्ष 2021 की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक नॉन लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों का कुल कारोबार का 25% हिस्सा थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवरेज के जरिए है. रिपोर्ट के मुताबिक सभी कंपनियों ने 40 हज़ार करोड रुपया प्रीमियम थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के रूप में कारोबार किया है. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस प्रीमियम में बढ़ोतरी (Third party insurance premium hike) से जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को तो कुछ राहत मिलेगी लेकिन आम आदमी के लिए बीमा का खर्च बढ़ जाएगा. नई गाड़ी खरीदने वाले को भी ज्यादा पैसे चुकाने होंगे और अपने इंश्योरेंस रिन्यू करने के लिए भी कुछ प्रतिशत ज्यादा खर्च करने होंगे जिसका सीधा असर लोगों की जेब पर पड़ेगा.