अगर आप नौकरीपेशा हैं तो आपके नियोक्ता ने आपसे अपने निवेश के प्रूफ जमा कराने के लिए कहना शुरू कर दिया होगा. ऐसे में आप एक साल में जो भी निवेश करते हैं उनके प्रमाण दस्तावेज के रूप में नियोक्ता को जम कराना होता है. ऐसा नहीं करने पर आपकी सैलरी में मोटे तौर पर टैक्स काट लिया जाता है. निवेश विकल्प तो ढेरों हैं लेकिन भारतीय डाक के कुछ निवेश विकल्प भी आपको टैक्स छूट प्रदान करते हैं. इनमें समय-समय पर जमा (टीडी), वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस), सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ), राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र ऐसे विकल्प हैं जिसमें आप करछूट पा सकते हैं. अगर आपने इनमें निवेश किया है तो इसके प्रमाण आप अपने नियोक्ता को अवश्य उपलब्ध कराएं. आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत कर योग्य आय से एक वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक कर छूट पा सकते हैं.

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टाइम डिपॉजिट

एक साल, दो साल और तीन साल की परिपक्वता अवधि के समय जमा (टीडी) में निवेश से 7 प्रतिशत का ब्याज मिलता है. पांच साल के टाइम डिपॉजिट में 7.8 फीसदी का रिटर्न मिलता है. ब्याज सालाना आधार पर देय होता है लेकिन इसकी गणना त्रैमासिक रूप से की जाती है. भारतीय डाक के मुताबिक,   5 साल के टाइम डिपॉजिट के तहत निवेश आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के लाभ के लिए योग्य है.

वरिष्ठ नागरिक बचत योजना

इस योजना के लिए 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्ति पात्र है. इस योजना में प्रति वर्ष 8.7 प्रतिशत ब्याज मिलता है, जो पहली बार 31 मार्च/30 सितंबर/31 दिसंबर को जमा करने की तिथि से देय होगी और उसके बाद, ब्याज 31 मार्च, 30 जून, 30 सितंबर और 31 दिसंबर को देय होगा. यदि राशि 10000 रुपये से अधिक है, तो स्रोत पर कर कटौती (TDS) काट ली जाती है. इस योजना के तहत निवेश करने पर 1 अप्रैल, 2007 से आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत कर छूट मिलती है.

पीपीएफ खाता

इस योजना में आपको प्रतिवर्ष 8 प्रतिशत ब्याज मिलता है, जो वार्षिक रूप से चक्रवृद्धि है. इसमें आप 100 रुपये के साथ खाता खोल सकते हैं. लेकिन आपको एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये जमा जमा करने होंगे. इस निवेश विकल्प के तहत जमा राशि आयकर धारा 80सी के तहत कटौती के योग्य है. साथ ही इसमें अर्जित ब्याज भी कर-मुक्त है.

 

 

राष्ट्रीय बचत पत्र

राष्ट्रीय बचत पत्र यानी एनएससी में निवेश पर 8 प्रतिशत सालाना ब्याज मिलता है और इसके तहत जमा राशि भी आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत छूट के दायरे में है. एनडीटीवी प्रोफिट की खबर के मुताबिक, यह ब्याज सालाना परिपक्व होता है लेकिन परिपक्वता पर देय होता है. एक 100 रुपये का एनएससी पांच साल बाद परिपक्वता पर 146.93 रुपये हो जाएगा.