देश में बड़ा वर्ग ऐसा है जिसके पास अपना खुद का मकान नहीं है और वो लोग किराए के मकान में रहते हैं. वहीं तमाम लोग जो छोटे शहरों से अपने घर को छोड़कर दूसरे शहरों में नौकरी करने के लिए जाते हैं, वो भी किराए के मकान में गुजर-बसर करते हैं. किराए पर मकान लेते समय मकान मालिक और किराएदार के बीच एक रेंट एग्रीमेंट होता है. ये एक तरह का लिखित समझौता होता है जिसमें किराए और मकान से जुड़ी व्यवस्थाओं को लेकर जरूरी बातों का जिक्र होता है. अगर आप भी किराएदार हैं तो रेंट एग्रीमेंट बनवाते समय कुछ बातों पर विशेष रूप से ध्‍यान दें, ताकि बाद में आपको किसी तरह की समस्‍या न झेलनी पड़े.

किराया और सिक्‍योरिटी

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आप मकान मालिक को कितना किराया हर महीने देंगे और आपने उसे कितनी सिक्‍योरिटी जमा की है, इन बातों का जिक्र रेंट एग्रीमेंट में जरूर कराएं. सिक्‍योरिटी रिटर्न करने से जुड़े नियमों को भी लिखवाएं. ताकि आपके और मकान मालिक के बीच सब कुछ स्‍पष्‍ट रहे. ध्‍यान रखें कि एग्रीमेंट मकान मालिक और किराएदार के बीच का समझौता है, इसमें अगर मकान मालिक ने अपने नियम लिखवाए हैं, तो आप भी अपनी बातों को इसमें लिखवा सकते हैं. साइन करने के बाद रेंट एग्रीमेंट की एक कॉपी अपने पास जरूर रखें क्‍योंकि इससे आपके तमाम काम बन सकते हैं.

कब बढ़ेगा किराया

मकान मालिक से पहले ही ये तय कर लें कि वो कब किराया बढ़ाएंगे और कितना किराया बढ़ाएंगे. इस बात को भी अपने एग्रीमेंट में जरूर शामिल करें. ताकि तय अनुपात से ज्‍यादा मकान मालिक किराया न बढ़ा सके. आमतौर पर मकान का किराया हर साल 10 फीसदी बढ़ जाता है. आप चाहें तो इस पर सहमत हो सकते हैं या फिर मकान मालिक को थोड़ा कम किराया बढ़ाने के लिए तैयार कर सकते हैं.

रिपेयर और मेंटिनेंस

आप जिस मकान में रह रहे होते हैं, समय-समय पर उसके रिपेयर, मेंटिनेंस और पेंट की जरूरत होती है. ऐसे में ये खर्च किस पर आएगा, इस बात का जिक्र साफ शब्‍दों में एग्रीमेंट पर किया जाना चाहिए. वहीं अगर कोई दुर्घटना होती है तो उस स्थिति में घर को होने वाले नुकसान की भरपाई कौन करेगा? ये बात भी एग्रीमेंट पर लिखी होनी चाहिए.

एग्रीमेंट पर किन बिल्‍स का है जिक्र

रेंट एग्रीमेंट पर कई तरह के नियम और शर्तें लिखी होती हैं. इन्‍हें बहुत ध्‍यान से पढ़ें. देख लें कि कहीं मकान मालिक ने इस पर देर से किराया देने पर किसी पेनल्‍टी का जिक्र तो नहीं किया है. इसके अलावा आपको बिजली, पानी के बिल, हाउस टैक्स और जिम, स्विमिंग पुल, पार्किंग, क्लब आदि की सुविधा और उसके बदले भुगतान के बारे में भी जांच लें. मतलब ये ध्‍यान रखें कि एग्रीमेंट पर केवल उन्‍हीं बिल्‍स का जिक्र होना चाहिए, जो आप मकान मालिक को चुकाएंगे.