वित्‍त मंत्री पीयूष गोयल ने 2019-20 के अंतरिम बजट में स्त्रोत पर कर कटौती (TDS) का दायरा 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 40 हजार रुपए करने का प्रस्‍ताव किया है. मोदी सरकार के इस कदम से सबसे ज्‍यादा फायदा उन ग्राहकों को होगा जो बैंक एवं पोस्ट ऑफिस की बचत व सावधि जमा योजनाओं में ज्‍यादा निवेश करते हैं. ये निवेश योजनाएं एश्‍योर्ड रिटर्न देती हैं और सबसे ज्‍यादा सुरक्षित मानी जाती हैं, इसलिए लोकप्रिय भी हैं. जानकारों की मानें तो इस प्रस्‍ताव से ग्राहकों के हजारों रुपए बचेंगे.

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मसलन अगर कोई ग्राहक पोस्‍ट ऑफिस की बचत योजना में निवेश करता है और उसकी ब्‍याज आय सालाना 10 हजार रुपए से अधिक है तो ऊपर की रकम TDS में चली जाती है. ग्राहक को उस रकम को छुड़ाने के लिए Return फाइल करना पड़ता है, जिसमें करीब 1 से 2 हजार रुपए तक खर्च होते हैं.

सीए अरविंद दुबे के मुताबिक सरकार के TDS कटौती सीमा बढ़ाने के प्रस्‍ताव से ग्राहकों को रिटर्न फाइल करने के खर्च से निजात मिलेगी. सरकार ने TDS कटौती की रकम बढ़ाकर 40 हजार रुपये करने का प्रस्‍ताव किया है. अब यदि इस तरह के करदाता को उनकी आय करयोग्य नहीं है तो रिटर्न भरकर रिफंड नहीं लेना होगा या कर नहीं कटे इसके लिए फॉर्म भर कर बैंक इत्यादि को नहीं देना होगा और यह प्रावधान इन करदाताओं को प्रक्रियाओं के बोझ से बचाएगा.

इसके अलावा किराया 1.80 लाख रुपये से अधिक होने पर टीडीएस काटना होता था लेकिन अब इसे बढ़ाकर 2.40 लाख रुपये करने का प्रस्‍ताव हुआ है. इससे भी लोगों को रिटर्न भरने की प्रक्रिया से निजात मिलेगी. इससे भी उनके हजारों रुपए बचेंगे. 

CA अरविंद दुबे के मुताबिक ब्याज पर अन्य स्तिथियों में टीडीएस की राशि अब भी 5 हजार रुपये से अधिक पर ही काटनी होगी और यह सीमा कई वर्ष पुरानी है जिसे भी बढ़ाया जाना चाहिए. यह सीमा इस समय बहुत कम है. बस यही मुख्य परिवर्तन टैक्‍स को लेकर इस अंतरिम बजट में किए गए हैं लेकिन उम्‍मीदें इससे अधिक थीं. संभव है कि लोकसभा चुनाव के बाद आने वाली सरकार पूर्ण बजट में आम आदमी को कर पर और राहत दे.