ELSS में निवेश से पहले जान लें एक्सपर्ट की ये 6 बातें, टैक्स सेविंग के साथ मिलेगा बढ़िया रिटर्न
ELSS में 80% शेयर बाजार में और 20 फीसदी डेट में निवेश किया जाता है. इसमें मैक्सिमम निवेश की सीमा नहीं है, लेकिन मिनिमम निवेश 500 रुपए का होना चाहिए.
सैलरीड पर्सन हो या नॉन-सैलरीड पर्सन टैक्स स्लैब में आने वाला हर व्यक्ति टैक्स बचाना चाहता है. टैक्स बचाने के लिए इक्विटी लिंक सेविंग स्कीम यानी ELSS एक बेहतर ऑप्शन माना जाता है. क्योंकि सबसे कम लॉक इन पीरियड वाले टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड में ELSS का नाम सबसे पहले आता है. इस स्कीम में सेक्शन 80C के तहत निवेशक को 1.5 लाख रुपए तक का टैक्स डिडक्शन तो मिलता ही है. इसके अलावा निवेशकों को अच्छा रिटर्न भी मिलता है. लेकिन इसमें निवेश से पहले कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखना चाहिए.
ELSS में निवेश से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? इसे समझने के लिए हमने kuvera.in के COO नीलभ सान्याल ने ELSS के निवेशकों के लिए खास टिप्स दिए हैं...
- सबसे पहली बात अगर आप ELSS म्यूचुअल फंड्स में टैक्स बचाना चाहते हैं तो इसके लिए जरूरी है कि आपने ओल्ड टैक्स रीजिम को चुना है.
- टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड्स सेक्शन 80C के तहत डिडक्शन का हिस्सा होता है. इसके तहत डिडक्शन के लिए अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक का क्लेम किया जा सकता है. इससे ज्यादा की रकम है तो टैक्स डिडक्शन का फायदा नहीं मिलेगा.
- सेक्शन 80C में डिडक्शन के कई विकल्प है. इसमें LIC, EPF, PPF हैं. इसलिए जब भी आप टैक्स MF में निवेश का विकल्प चुनें, तो उससे पहले यह देख लें कि 80C में कितना आपका डिडक्सन हो चुका है.
- सेक्शन 80C डिडक्शन से पहले देख लें कि टैक्स देनदारी कितनी है और आप किस स्लैब में आते हैं.
- जब भी आप ELSS फंड का विकल्प चुन रहे हैं, तो इसमें डिविडेंड ऑप्शन के बजाय ग्रोथ ऑप्शन बेहतर रहेगा.
- टैक्स बचाने के नजरिये से ELSS को आखिरी क्षणों में निवेश का विकल्प नहीं बनाना चाहिए. इसके लिए हर महीने एक SIP करना चाहिए.
3 साल की अवधि में जोरदार रिटर्न देने वाले ELSS फंड्स
फंड 3 साल में रिटर्न
Quant Tax Plan Dir 39.03%
Parag Parikh Tax Saver 25.66%
IDFC Tax Advtg 24.73%
PGIM Ind ELSS Tax Saver 22.31%
Bank of India Tax Advtg 21.21%
ELSS के फायदे
ELSS में 80% शेयर बाजार में और 20 फीसदी डेट में निवेश किया जाता है. इसमें मैक्सिमम निवेश की सीमा नहीं है, लेकिन मिनिमम निवेश 500 रुपए का होना चाहिए. इसके लिए लॉक-इन पीरियड सबसे कम 3 साल का होता है. इसमें निवेश करने पर सेक्शन 80सी के तहत टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है, जिसकी लिमिट 1.5 लाख रुपए होती है.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें