सिर्फ 80C ही नहीं, इन 11 तरीकों से भी बचाया जाता है टैक्स, ITR फाइलिंग में ध्यान रखें ये बात
इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने का समय नजदीक आ रहा है. हालांकि, CBDT ने रिटर्न फाइल करने की तारीख को 31 अगस्त तक बढ़ा दिया है.
इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने का समय नजदीक आ रहा है. हालांकि, CBDT ने रिटर्न फाइल करने की तारीख को 31 अगस्त तक बढ़ा दिया है. लेकिन, समय से पहले टैक्स रिटर्न जरूर फाइल कर दें. टैक्स बचाने के लिए लोग का सबसे पहला ऑप्शन सेक्शन 80C होता है. लेकिन, इसके अलावा दूसरे विकल्प भी हैं, जिससे टैक्स छूट का फायदा उठाया जा सकता है. ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि 80C के अलावा दूसरे सेक्शन्स से कैसे टैक्स बचाया जाए.
क्या हैं दूसरा विकल्प
सेक्शन 80D में छूट
मेडिकल इंश्योरेंस के लिए दिए गए प्रीमियम पर सेक्शन 80 डी में टैक्स छूट मिलती है. इसे आयकर रिटर्न के दौरान क्लेम किया जा सकता है. इसमें आपके अलावा, पति या पत्नी, माता-पिता और बच्चों को भी कवर दिया जाता है. इसमें 25,000 रुपए तक की टैक्स छूट क्लेम की जा सकती है. हालांकि, वरिष्ठ नागरिक होने की स्थिति में टैक्स छूट सीमा 50,000 रुपए तक है. इसके अलावा 5000 रुपए तक की टैक्स छूट हेल्थ चेकअप के लिए भी क्लेम की जाती है.
सेक्शन 80 DD में छूट
अगर कोई टैक्सपेयर विकलांग की कैटेगरी में आता है या उसके परिवार को कोई सदस्य विकलांग हैं तो उसके उपचार के लिए भी टैक्स छूट क्लेम की जाती है. इसके लिए सेक्शन 80DD के तहत छूट मिलती है. अगर विकलांगता 40 प्रतिशत से 80 प्रतिशत के बीच है, तो 75,000 रुपए तक क्लेम किया जा सकता है. वहीं, विकलांगता 80 फीसदी से ज्यादा है तो 125,000 रुपए टैक्स छूट क्लेम की जा सकती है. टैक्स छूट के लिए विकलांगता का प्रमाण पत्र (फॉर्म नंबर 10, 10-IA) पेश करना होता है.
सेक्शन 80 DDB में छूट
सेक्शन 80 DDB में गंभीर बीमारियों पर किए गए खर्च पर 40,000 रुपए तक की टैक्स छूट का लाभ उठाया जा सकता. FY2018-19 के बाद से वरिष्ठ और बहुत वरिष्ठ नागरिकों के लिए 1 लाख रुपए तक की छूट क्लेम की जा सकती है.
सेक्शन 80E में छूट
टैक्स छूट के लिए इस सेक्शन में हायर एजुकेशन के लिए गए एजुकेशन लोन के ब्याज पर टैक्स छूट मिलती है. हालांकि, इस पर सिर्फ 8 साल तक ही छूट ली जा सकती है. इसमें एक और कंडीशन पर भी टैक्स छूट मिलती है. अगर कानूनीतौर पर आप किसी के पैंरेटल में आते हैं तो उसके एजुकेशन लोन पर टैक्स छूट का फायदा उठाया जा सकता है.
सेक्शन 80EE में छूट
अगर आपने पहली बार घर खरीदा है तो आप सेक्शन 80EE के तहत टैक्स छूट कलेम की जा सकती है. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट मिलती है. हालांकि, हर वित्तीय वर्ष में सिर्फ 50 हजार रुपए तक ही छूट मिलती है. इसमें कंडीशन यह है कि प्रॉपर्टी की कीमत 50 लाख रुपए से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. साथ ही आपके होम लोन का प्रिंसिपल अमाउंट 35 लाख रुपए तक होना चाहिए.
सेक्शन 80 G में छूट
सामाजिक कार्यों के लिए दिए गए दान पर भी टैक्स छूट मिलती है. सेक्शन 80 जी के तहत छूट क्लेम की जा सकती है. आप अपनी योग्यता सीमा के मुताबिक 100 फीसदी या 50 फीसदी की अधिकतम कटौती हासिल कर सकते हैं.
सेक्शन 80 GG में छूट
सेक्शन 80 GG के तहत टैक्स छूट मिलती है. हालांकि, इसमें छूट तभी मिलेगी जब आपने किसी तरह के किराए का भुगतान किया हो और HRA क्लेम नहीं किया हो. प्रति माह 5000 रुपए या कुल आय का 25 फीसदी या किराए के लिए किए गए भुगतान की 10 फीसदी आय को घटाने पर जो रकम निकलेगी उसमें जो सबसे कम होगी, उतनी रकम पर आपको टैक्स छूट मिलेगी.
सेक्शन 80 GGA, GGB, GGC में छूट
किसी संस्थान, कॉलेज या विश्वविद्यालय (सरकार द्वारा अनुमोदित) को दिए गए दान की राशि पर टैक्स छूट मिलती है. सेक्शन 80 GGB के तहत, राजनीतिक दल के लिए किसी भारतीय कंपनी द्वारा किया गया योगदान टैक्स छूट के दायरे में आता है. सेक्शन 80 GGC के तहत राजनीतिक दल के लिए इंडिविजुअल ने अगर कोई योगदान किया है तो वह भी छूट के दायरे में आता है.
सेक्शन 80 TTA में छूट
सेविंग्स बैंक अकाउंट या पोस्ट ऑफिस बचत खाते से 10,000 रुपए तक की ब्याज आय एक वित्तीय वर्ष में टैक्स छूट के दायरे में आती है. हालांकि, वित्त वर्ष 2018-19 से वरिष्ठ नागरिकों इस धारा से बाहर कर दिया गया है.
सेक्शन 80TTB में छूट
बैंकों, डाकघरों या सहकारी समितियों में डिपॉजिट के ब्याज पर वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स छूट का फायदा मिलता है. सीनियर सिटीजन एक वित्तीय वर्ष में 50 हजार रुपए तक यह छूट ले सकते हैं.
सेक्शन 24 में छूट
दूसरे घर की खरीद और उसके होम लोन के पुनर्भुगतान पर 2 लाख रुपए तक की टैक्स छूट मिलती है. इस धारा के तहत कटौती की अधिकतम सीमा केवल 2 लाख रुपए है.