TAX चोरों पर सरकार हुई सख्त, सिर्फ जुर्माना भरकर नहीं छूट पाएंगे
मोदी सरकार काले धन (Black Money) को सफेद करने वाले या टैक्स चोरों (Tax Evasion) पर और सख्त हो गई है. खासकर विदेशी बैंकों में ब्लैक मनी जमा करने वाले या किसी दूसरे देश में अघोषित आय से संपत्ति खरीदने वाले आयकर विभाग के राडार पर हैं.
मोदी सरकार काले धन (Black Money) को सफेद करने वाले या टैक्स चोरों (Tax Evasion) पर और सख्त हो गई है. खासकर विदेशी बैंकों में ब्लैक मनी जमा करने वाले या किसी दूसरे देश में अघोषित आय से संपत्ति खरीदने वाले आयकर विभाग के राडार पर हैं. 17 जून से ऐसे मामलों में इनकम टैक्स विभाग सिर्फ जुर्माना देकर राहत नहीं देगा बल्कि टैक्स चोरी में बाकायदा केस चलेगा. ऐसा CBDT की ओर से जारी कंपाउंडिंग के नए नियमों के तहत होगा.
क्या है कंपाउंडिंग
कंपाउंडिंग (Compounding) के तहत टैक्स चोरी पकड़े जाने पर तय रकम लेकर मामले का सेटलमेंट कर दिया जाता है. लेकिन अब सोमवार से यह नियम बदल जाएगा. CBDT ने अब कंपाउंडिंग के लिए दो कैटेगरी बना दी है. पहली कैटेगरी में मामलों का निपटारा हो सकेगा. 'जी बिजनेस' ब्यूूूूरो की खबर केे मुताबिक इस कैटेगरी में TDS, TCS डिफॉल्ट के केस शामिल होंगे. साथ ही रिटर्न न भर पाने और गलत रिटर्न के लिए उकसाने जैसे मामले भी कवर होंगे. इसमें 3 बार ही कंपाउंडिंग की सुविधा मिलेगी.
क्या है दूसरी कैटेगरी
दूसरी कैटेगरी ज्यादा सख्त है. इसमें जानबूझकर टैक्स चोरी करने के मामले कवर होंगे. वहीं छापे के वक्त संपत्ति ट्रांसफर करने, विदेश में कालेधन का खुलासा होने, बेनामी संपत्ति के मामले भी आएंगे. इस दायरे में ऐसे लोग भी आएंगे, जिनके खिलाफ टैक्स चोरी के लिए बोगस एंट्री करने का केस होगा. यानि फर्जी बिल बनाकर टैक्स चोरी में मदद की गई हो.
1 बार ही कंपाउंडिंग की छूट
दूसरी कैटेगरी में 1 ही बार कंपाउंडिंग की छूट होगी. लेकिन अगर कोर्ट ने किसी केस में दंडित किया हो या कंपाउंडिंग की अर्जी एक बार खारिज हो गई हो तो उस मामले में वह व्यक्ति कंपाउंडिंग की अर्जी दोबारा देने का हकदार नहीं होगा. यानि इन मामलों में कंपाउंडिंग नहीं होगी. बस चुनिंदा मामलों में ही वित्त मंत्री के पास रियायत का अधिकार होगा.