हर शहर में आपका अपना मकान हो यह लगभग असंभव है. स्वाभाविक है कि आपको नए शहर में किराये पर भी रहना पड़ सकता है. कई बार लोग एक ही शहर में किराये का घर बदलते भी रहते हैं. आप जानते हैं कि किराये के घर में रहने पर आपको रेंट एग्रीमेंट भी बनवाना होता है. अगर आप किराये का घर बदल रहे हैं तो आपको रेंट एग्रीमेंट से जुड़ी कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए, ताकि आगे आपको परेशानी का सामना न करना पड़े. कई बार लोग इसे हल्के में लेते हैं और एग्रीमेंट पर सिग्नेचर करने से पहले उसमें लिखी बातों को गौर से नहीं पढ़ते. आपको इसका ध्यान रखना चाहिए.

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किराये की शर्त को ध्यान से पढ़ें

जब आप रेंट एग्रीमेंट कर रहे होते हैं तो इसमें शर्तों को ध्यान से पढ़ना न भूलें. सामान्यतौर पर 11 महीने पर एग्रीमेंट का रिन्यू होता है. साथ ही एक साल बाद किराये में अमूमन 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है. हालांकि कई बार किराया बढ़ोतरी दोनों पक्षों की सहमति पर भी निर्भर करता है कि बढ़ाएं या नहीं या कितना बढ़ाएं. रेंट एग्रीमेंट में सिक्योरिटी डिपॉजिट के रूप में पैसे देने की शर्तों पर गौर करें. मकान खाली करते समय इसे कैसे समायोजित किया जाएगा, इस पर ध्यान दें.

किराये के घर की जांच

जब आप किराये के घर में शिफ्ट होने आ रहे हैं को इससे पहले घर के हालात की जांच करें. अगर कोई वायरिंग, नल की स्थिति और अन्य टूट-फूट दिखाई पड़े तो इसे मकान मालिक के ध्यान में लाएं और इसे ठीक कराने को कहें. यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो घर छोड़ते वक्त आपसे नुकसान की भरपार्इ करने के लिए कहा जा सकता है.

मेंटेनेंस का मामला

यह स्पष्ट हो जाना चाहिए कि घर में नियमित तौर पर मरम्मत और देखभाल का भुगतान कौन करेगा.किस तरह के खर्च कौन वहन करेगा. ऐसा न करने पर आगे परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.  

किराया देने का समय और शुल्क

दोनों पक्षों में कई बार किराया देने के समय को लेकर विवाद देखने को मिलता है. आप किराया हर महीने कब चुकाएंगे इसकी जानकारी रेंट एग्रीमेंट में जरूर कर लें. तय समय पर अगर आप किराया नहीं देते हैं तो क्या अतिरिक्त शुल्क भी देना होगा, यह स्पष्ट कर लें. अगर आप सोसायटी में रहते हैं तो आपको जिम, पार्किंग, क्लब और स्विमिंग पूल सुविधाओं के लिए पैसा देने को कहा जा सकता है. रेंट एग्रीमेंट में इन सारी बातों का उल्लेख होना चाहिए.

अतिरिक्त शर्त तो नहीं

इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, रेंट एग्रीमेंट में इसपर ध्यान दें कि कहीं आपके मकान मालिक ने किसी तरह की अलग या अतिरिक्त शर्त तो नहीं जोड़ दी है. अपनी तरफ से रेंट एग्रीमेंट में लिखी गई बातों जिसे पढ़कर आपने सिग्नेचर किया है, उसका खास ध्यान रखें, इससे आपको आगे परेशानी नहीं होगी.