Women Investment Preferences: अब पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी निवेश के प्रति अपना रुख पॉजिटिव रख रही हैं और निवेश कर खुद को फाइनेंशियली स्ट्रॉन्ग कर रही हैं. एक सर्वे के मुताबिक, 65 फीसदी महिलाएं ऐसी हैं, जो गोल्ड और एफडी यानी फिक्स्ड डिपॉजिट में नहीं बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश करने का रुख अपनाती हैं. रियल एस्टेट कंसल्टेंट Anarock ने एक सर्वे कंडक्ट किया था, जिसमें इस बात की जानकारी दी गई है. सर्वे में बताया गया है कि 65 फीसदी महिलाएं रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश करने में ज्यादा रुचि दिखाती हैं. इसके बाद 20 फीसदी महिलाएं ऐसी हैं, जो स्टॉक्स में निवेश करती हैं और 8 फीसदी महिलाएं गोल्ड में निवेश करने का ऑप्शन चुनती हैं. 

5500 लोगों का किया था सर्वे

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बता दें कि इस कंज्यूमर सर्वे का सैंपल साइज 5500 था, जिसमें से 50 फीसदी महिलाएं शामिल थीं. इनमें से कम से कम 65 फीसदी महिलाओं ने रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश करने को प्रेफरेंस दी थी. इसके बाद 20 फीसदी महिलाएं ऐसी थीं, जो स्टॉक्स में निवेश करने में रुचि रखती हैं. 

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36 फीसदी महिलाएं 45-90 लाख रुपए के बजट की रेंज वाले घर पसंद करती हैं. 27 फीसदी महिलाओं की पसंद 90 लाख से 1.5 करोड़ रुपए वाले घरों की है और 20 फीसदी महिलाएं ऐसी हैं, जो 1.5 करोड़ रुपए से ज्यादा के घर खरीदने का प्रेफरेंस रखती हैं.

रियल एस्टेट सेक्टर में महिलाओं की बढ़ी दिलचस्पी

Anarock Group के वाइस चेयरमैन संतोष कुमार का कहना है कि पिछले एक दशक में, रियल एस्टेट बायर सेगमेंट में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ी है. शहरी इलाकों की महिलाएं अब खास तौर पर रियल एस्टेट में इंटरेस्ट दिखा रही हैं. उन्होंने आगे कहा है कि महिलाएं इन्वेस्टमेंट के तौर पर रियल एस्टेट सेक्टर को पसंद कर रही हैं. 

महिलाओं को देनी होती हैं कम स्टाम्प ड्यूटी

Anarock के मुताबिक, महिलाओं को होम बायर बनाने के लिए प्रमोट करने के लिए सरकार की ओर से अलग-अलग पॉलिसी शुरू की जाती हैं. प्रधानमंत्री आवास विकास योजना के तहत महिलाओं का को-बायर या ओनर होना अनिवार्य किया गया है. इसके अलावा महिलाएं होम बायर्स के लिए स्टाम्प ड्यूटी भी कम होती है. कई ऐसे राज्य हैं, जहां स्टाम्प ड्यूटी महिलाओं के लिए कम है. इसके अलावा कई बैंक हैं, जो महिलाओं को पुरुषों की तुलना में कम रेट्स पर होम लोन देते हैं.