जब भी लड़कियों के लिए निवेश करने की बात आती है, तो सुकन्‍या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) का जिक्र जरूर होता है. सरकार की ओर से चलाई जाने वाली इस स्‍कीम में गारंटीड रिटर्न मिलता है. SSY में 8%के हिसाब से कंपाउंडिंग ब्‍याज का फायदा मिलता है. ब्‍याज की गणना सालाना होती है. कोई भी भारतीय नागरिक अपनी 10 वर्ष से कम उम्र की बेटी के लिए इस योजना में निवेश कर सकता है. चूंकि ये स्‍कीम लंबे समय के लिए है, ऐसे में जब तक बेटी बड़ी होती है, तब तक उसके लिए इस स्‍कीम के जरिए अच्‍छा खासा अमाउंट जमा हो जाता है. लेकिन हर चीज के अच्‍छे और बुरे दोनों पहलू होते हैं. सुकन्‍या समृद्धि योजना के भी कुछ ड्रॉबैक्‍स हैं. इसलिए निवेश करने से पहले एक बार इन बातों पर जरूर विचार कर लें.

दो ही बेटियों के लिए खुलवा सकते हैं अकाउंट

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सुकन्या समृद्धि योजना के तहत आप सिर्फ दो बेटियों का ही खाता खुलवा सकते हैं. अगर आपकी दो से ज्‍यादा बेटियां हैं तो तीसरी या चौथी बेटी के लिए आपको इस स्‍कीम का लाभ नहीं मिलेगा. हालांकि अगर आपकी दूसरी लड़की, जुड़वा या तिड़वा पैदा हुई है, तो उसके लिए सु‍कन्‍या समृद्धि खाता खोला जा सकता है.

10 साल की एज लिमिट

सुकन्या समृद्धि योजना का एक Drawback ये है कि इसमें उम्र सीमा का बंधन है. अगर आपकी बेटी की उम्र 10 साल से ज्‍यादा है, तो आप उसके लिए इस योजना के तहत अकाउंट नहीं खोल सकते. ऐसे माता-पिता को बेटी के भविष्‍य के लिए निवेश का कोई और जरिया ढूंढना होगा. उम्र के बंधन के कारण देश की तमाम बेटियां इस योजना का लाभ नहीं ले पातीं.

डिपॉजिट की सीमा

सुकन्‍या समृद्धि योजना की एक परेशानी ये है कि आप इसमें एक लिमिट तक ही पैसे जमा कर सकते हैं. सुकन्‍या समृद्धि योजना में सालाना 1.50 लाख रुपए तक ही जमा किए जा सकते हैं. अगर आप अपने बच्‍चे के लिए इससे ज्‍यादा पैसे जमा करना चाहते हैं, तो आप नहीं कर सकते. 

खाता-विस्तार की सुविधा नहीं

पीपीएफ या तमाम अन्‍य स्‍कीम्‍स में आपको मैच्‍योरिटी के बाद खाता विस्‍तार करने की भी सुविधा होती है, लेकिन सुकन्‍या समृद्धि योजना में आपको ये फायदा नहीं मिलता है. इस स्‍कीम में मैच्‍योरिटी के बाद खाता-विस्तार की अनुमति नहीं होती है.

सगे संबन्‍धी खाता नहीं खुलवा सकते 

किसी लड़की के नाम, सुकन्या समृद्धि खाता केवल उसके माता-पिता ही खुलवा सकते हैं या फिर कानूनी प्रक्रिया पूरी करके लड़की को गोद लेने वाले अभिभावक को ही ये अकाउंट खुलवाने की छूट मिलती है. ऐसे में किसी बच्‍ची के लिए उसके दादा-दादी, नाना-नानी या बड़े भाई-बहन ये खाता नहीं खुलवा सकते. माता-पिता के जीवित न रहने पर दादा-दादी या कोई भी संबंधी गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही ये खाता खुलवा सकते हैं.

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