SSY: 21 साल में मैच्योर होने वाली इस स्कीम में मैच्योरिटी से पहले रकम निकासी के क्या हैं नियम?
Sukanya Samriddhi Yojana में मौजूदा समय में इस स्कीम पर 8 फीसदी के हिसाब से ब्याज मिल रहा है. लेकिन 21 साल का समय बहुत ज्यादा होता है. अगर किसी व्यक्ति को 21 साल से पहले रुपए की जरूरत पड़ती है, तो विड्रॉल के क्या नियम हैं?
Sukanya Samriddhi Yojana बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने वाली स्कीम है जो भारत सरकार द्वारा चलाई जाती है. इस स्कीम में 10 साल तक की उम्र की बच्चियों के नाम से अकाउंट खोला जाता है. 15 साल तक स्कीम में डिपॉजिट करना होता है. लेकिन ये स्कीम 21 साल बाद मैच्योर होती है. सुकन्या समृद्धि योजना में सालाना 250 रुपए से लेकर 15,0000 रुपए तक जमा किए जा सकता हैं. इस स्कीम में कंपाउंडिंग ब्याज का फायदा मिलता है और ब्याज की गणना सालाना आधार पर की जाती है.
मौजूदा समय में इस स्कीम पर 8 फीसदी के हिसाब से ब्याज मिल रहा है. यदि समय रहते इस स्कीम में निवेश कर दिया जाए, तो बेटी के बड़े होने तक अच्छा खासा पैसा जोड़ा जा सकता है. लेकिन 21 साल का समय बहुत ज्यादा होता है. मान लीजिए कि किसी व्यक्ति को स्कीम शुरू करने के बाद 21 साल से पहले रुपए की जरूरत पड़ती है, तो प्री-मैच्योर विड्रॉल के क्या नियम हैं? यहां जानिए इसके बारे में.
विड्रॉल के नियम
बेटी की 10वीं कक्षा के बाद या उसके 18 साल की उम्र के होने के बाद खाते से निकासी की सुविधा मिल जाती है. ऐसे में आप पिछले वित्त वर्ष के कुल बैलेंस का 50% तक निकाल सकते हैं. अगर आप बेटी के हायर स्टडीज के लिए रकम की निकासी कर रहे हैं, तो आपको हायर स्टडीज के लिए प्रूफ देना होगा. इसके अलावा पैसा एकमुश्त या फिर किस्तों में मिल सकता है. एक साल में एक ही बार पैसा मिलेगा और अधिकतम पांच साल तक किस्त में पैसा ले सकते हैं.
इन स्थितियों में कर सकते हैं प्रीमैच्योर क्लोजर
1. अगर लड़की की मृत्यु उसकी स्कीम के मैच्योर होने से पहले हो जाती है, तो उसके माता-पिता को इस योजना में निवेश किया गया पैसा ब्याज के साथ मिल जाता है. हालांकि इसके लिए लड़की की मृत्यु का प्रमाण पत्र जमा करना पड़ता है.
2. जिस लड़की के नाम पर सुकन्या समृद्धि अकाउंट है, अगर उसे कोई गंभीर बीमारी है और इलाज के लिए पैसों की जरूरत है तो आप समय से पहले अकाउंट बंद कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए आपको बेटी की बीमारी और इलाज से जुड़े प्रूफ देने पड़ सकते हैं. लेकिन ये सुविधा 5 साल बाद मिलती है.
3. जिस लड़की के नाम पर सुकन्या समृद्धि खाता खोला गया है, उसके माता-पिता या कानूनी अभिभावकों की मौत अकाउंट मैच्योर होने से पहले ही हो जाती है, तो अकाउंट को बीच में ही बंद किया जा सकता है.
4. भारत की नागरकिता छोड़ देने पर भी आपका खाता बंद मान लिया जाता है. ऐसे में ब्याज जोड़कर सारा पैसा वापस कर दिया जाता है. लेकिन अगर आप किसी दूसरे देश में सेटल हुए हैं, लेकिन भारत की नागरिकता नहीं छोड़ी है, तो इस अकाउंट को मैच्योरिटी पूरी होने तक जारी रखा जा सकता है.