Sukanya Samriddhi Yojana: बेटियों का भव‍िष्‍य आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) निवेश के लिए बढ़िया ऑप्शन है. योजना में कई शानदार फीचर्स हैं, जो आपकी वेल्थ को फायदे पहुंचाते हैं. हाल ही में सरकार ने स्कीम को लेकर काफी बदलाव किए थे. अगर आपने भी अपनी बेटी के नाम पर अकाउंट खुलवाया है या खुलवाने की सोच रहे हैं तो किए गए बदलाव जरूर जानने चाहिए. 

सुकन्या समृद्धि योजना के फायदे

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Sukanya Samriddhi Yojana: बच्‍चों के भविष्‍य की जरूरतों को पूरा करने के लिए तमाम तरह की योजनाएं हैं. इसमें एक 'सुकन्‍या समृद्धि योजना' है. यह योजना बेटियों के लिए है, जिस पर सरकार सालाना 7.60 फीसदी ब्‍याज (Sukanya Samriddhi Yojana Interest rate) दे रही है. योजना में ब्याज तिमाही तय होता है. इनकम टैक्‍स (Income tax) की धारा 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है. खाते में जमा रकम, मिलने वाले ब्‍याज और मैच्‍योरिटी राशि टैक्‍स फ्री होती है. इनकम टैक्‍स छूट के लिए अधिकतम 1.50 लाख रुपए निवेश कर सकते हैं.

पहला बदलाव- तीन बेटियों के नाम पर अकाउंट

मोदी सरकार (Modi Government) की तरफ से शुरू की गई सुकन्या योजना में अभी तक दो बेट‍ियों के खाते पर ही 80C के तहत टैक्‍स छूट का फायदा म‍िलता था. तीसरी बेटी होने की स्थिति में टैक्स छूट नहीं मिलती थी. लेक‍िन, अब नियमों में बदलाव किया गया है. अगर एक बेटी के बाद दो जुड़वां बेटियां होती हैं तो उन दोनों के लिए भी खाता खोलने का प्रावधान किया गया है. मतलब Sukanya Samriddhi Yojana में एक साथ तीन बेट‍ियों के नाम पैसा जमा किया जा सकता है और उस पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं.

दूसरा बदलाव- डीएक्टिवेट होने पर भी मिलेगा ब्याज

योजना में सालाना न्‍यूनतम 250 रुपए जमा करना जरूरी है. एक साल में अध‍िकतम डेढ़ लाख रुपए जमा किए जा सकते हैं. लेकिन, अक्सर लोग न्‍यूनतम राश‍ि जमा करना भूल जाते हैं. जिसके बाद अकाउंट डिफॉल्ट कैटेगरी में चला जाता है और इस पर ब्याज भी रोक दिया जाता है. पेनाल्टी के साथ अकाउंट को दोबारा एक्टिवेट कराने की सुविधा है. लेकिन, अब नए न‍ियमों में खाते को दोबारा एक्टिव नहीं कराने पर मैच्‍योरिटी तक अकाउंट में जमा राश‍ि पर ब्‍याज मिलता रहेगा. पहले ऐसा नहीं था.

तीसरा बदलाव- उम्र सीमा 10 से बढ़ाकर 18 की गई

अभी तक बेटी 10 की उम्र में खाते को ऑपरेट कर सकती थी. लेकिन बदले हुए नियमों के बाद अब 18 की उम्र से पहले बेट‍ियों को खाता ऑपरेट करने की मंजूरी नहीं होगी. मतलब 18 साल तक अभिभावक या माता-प‍िता ही खाते को ऑपरेट करेंगे. 18 की होने पर बेटी को अकाउंट सौंप दिया जाएगा.

चौथा बदलाव- गलत ब्याज अब नहीं होगा वापस

मौजूदा नियमों में अकाउंट में गलत ब्याज क्रेडिट होने पर उसे वापस ले लिया जाता था. लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा. बदले हुए नियमों में ब्याज क्रेडिट होने के बाद उसे वापस लेने का प्रावधान हटा लिया गया है. मतलब एक बार ब्याज डल गया तो दोबारा वापस नहीं लिया जा सकेगा. खाते में ब्याज हर वित्त वर्ष के आखिर में क्रेडिट किया जाएगा.

पांचवा बदलाव- अकाउंट बंद करने की शर्तें बदलीं

'Sukanya Samriddhi Yojana' में बेटी की मौत या बेटी का पता बदलने पर अकाउंट को बंद किया जा सकता था. लेकिन, अब अकाउंटहोल्डर को जानलेवा बीमारी होने की स्थिति को भी इसमें शामिल किया गया है. अभिभावक की मौत होने पर भी समय से पहले अकाउंट बंद क‍िया जा सकता है.