Sukanya Samriddhi Yojana का ये नियम जानने के बाद करें निवेश, नहीं समझे तो बाद में हो सकता है पछतावा
SSY से जुड़ा एक नियम ऐसा है जिसे आपको हर हाल में समझ लेना चाहिए. ज्यादातर लोगों को इस नियम की जानकारी नहीं होती है. इसके बाद अगर आप निवेश का फैसला करते हैं, तो बाद में पछतावे की गुंजाइश नहीं रहेगी.
सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) को भारत सरकार द्वारा चलाया जाता है. अगर आपकी बेटी की उम्र 10 साल तक है तो आप उसके लिए इस स्कीम में निवेश कर सकते हैं. इस स्कीम में निवेश 15 सालों तक करना होता है और 21 साल बाद स्कीम मैच्योर होती है. सुकन्या समृद्धि स्कीम में सालाना अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक निवेश किए जा सकते हैं. लंबे समय तक चलने वाली इस स्कीम में 8.2 फीसदी के हिसाब से ब्याज मिलता है. कंपाउंडिंग का फायदा मिलने के कारण लंबे समय में आप इस स्कीम के जरिए बेटी के लिए अच्छी खासी रकम जोड़ सकते हैं. लेकिन SSY से जुड़ा एक नियम ऐसा है जिसे आपको हर हाल में समझ लेना चाहिए. ज्यादातर लोगों को इस नियम की जानकारी नहीं होती है.
प्री-मैच्योर विड्रॉल का नियम
मान लीजिए आप इस स्कीम में बेटी के नाम से निवेश शुरू करते हैं और करीब 5-6 साल तक इन्वेस्टमेंट करने के बाद आपको लगता है कि आप आगे तक इसमें निवेश जारी नहीं रख पाएंगे. ऐसे में जाहिर है कि आप 5-6 सालों तक जमा किए गए अमाउंट को विड्रॉल कर ना चाहेंगे. लेकिन आपको बता दें कि सुकन्या समृद्धि योजना में प्री-मैच्योर विड्रॉल की सुविधा नहीं मिलती है. सिर्फ इसमें से आंशिक निकासी की जा सकती है, वो भी जब आपकी बेटी की उम्र 18 साल हो जाए.
आंशिक निकासी के नियम
आंशिक निकासी बेटी की 10वीं कक्षा के बाद या उसके 18 साल की उम्र के होने के बाद खाते से निकासी की सुविधा मिल जाती है. ऐसे में आप पिछले वित्त वर्ष के कुल बैलेंस का 50% तक निकाल सकते हैं. पैसा एकमुश्त या फिर किस्तों में मिल सकता है. एक साल में एक ही बार पैसा मिलेगा और अधिकतम पांच साल तक किस्त में पैसा ले सकते हैं. अगर आप बेटी के हायर स्टडीज के लिए रकम की निकासी कर रहे हैं, तो आपको हायर स्टडीज के लिए प्रूफ देना होगा.
इन स्थितियों में होता है प्रीमैच्योर क्लोजर
1. अगर लड़की की मृत्यु उसकी स्कीम के मैच्योर होने से पहले हो जाती है, तो उसके माता-पिता को इस योजना में निवेश किया गया पैसा ब्याज के साथ मिल जाता है. हालांकि इसके लिए लड़की की मृत्यु का प्रमाण पत्र जमा करना पड़ता है.
2. जिस लड़की के नाम पर सुकन्या समृद्धि अकाउंट है, अगर उसे कोई गंभीर बीमारी है और इलाज के लिए पैसों की जरूरत है तो आप समय से पहले अकाउंट बंद कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए आपको बेटी की बीमारी और इलाज से जुड़े प्रूफ देने पड़ सकते हैं. लेकिन ये सुविधा 5 साल बाद मिलती है.
3. जिस लड़की के नाम पर सुकन्या समृद्धि खाता खोला गया है, उसके माता-पिता या कानूनी अभिभावकों की मौत अकाउंट मैच्योर होने से पहले ही हो जाती है, तो अकाउंट को बीच में ही बंद किया जा सकता है.
4. भारत की नागरकिता छोड़ देने पर भी आपका खाता बंद मान लिया जाता है. ऐसे में ब्याज जोड़कर सारा पैसा वापस कर दिया जाता है. लेकिन अगर आप किसी दूसरे देश में सेटल हुए हैं, लेकिन भारत की नागरिकता नहीं छोड़ी है, तो इस अकाउंट को मैच्योरिटी पूरी होने तक जारी रखा जा सकता है.