SSY: बेटियों के भविष्य के लिए हो जाइए फिक्रमंद, इस स्कीम से देखते ही देखते जुड़ जाएगा 27 लाख रुपए का फंड
सुकन्या समृद्धि योजना सरकार की ओर से चलाई जाती है. इस स्कीम में निवेश पर आपको कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है, ऐसे में तेजी से पैसा जुड़ता है. मौजूदा समय में इस स्कीम पर 8 फीसदी के हिसाब से ब्याज मिल रहा है.
अपने बच्चों के भविष्य के लिए हर माता-पिता को चिंता होती है. वहीं अगर आप बेटी के माता-पिता हैं तो ये फिक्र और भी बढ़ जाती है. बेटी की शिक्षा के साथ उसकी शादी जैसी भी तमाम चिंताएं सताती हैं. लेकिन अगर आप समय से और सही तरीके से फाइनेंशियल प्लानिंग करें तो बेटी के बड़े होने तक अच्छा खासा अमाउंट जोड़ सकते हैं.
आजकल ऐसी तमाम स्कीम्स मौजूद हैं, जिसमें निवेश करके आप बेटी के भविष्य को सुरक्षित बनाया जा सकता है. ऐसी ही एक स्कीम है सुकन्या समृद्धि योजना. ये स्कीम सरकार की ओर से चलाई जाती है. इस स्कीम में निवेश पर आपको कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है, ऐसे में तेजी से पैसा जुड़ता है. मौजूदा समय में इस स्कीम पर 8 फीसदी के हिसाब से ब्याज मिल रहा है. ऐसे में अगर आप 5000 रुपए महीना भी इस स्कीम में निवेश करते हैं तो करीब 27 लाख के आसपास फंड जोड़ सकते हैं. यहां जानिए कैसे जुड़ेगा इतना फंड.
ऐसे जुड़ेगा मोटा फंड
नियम के हिसाब से SSY स्कीम में 15 सालों तक निवेश करना होता है और 21 सालों में स्कीम मैच्योर होती है. अगर आप हर महीने इस स्कीम में 5000 रुपए निवेश करते हैं तो साल में कुल 60,000 रुपए निवेश करेंगे और 15 साल में कुल 9 लाख रुपए. 15 से 21 साल के बीच आप कोई निवेश नहीं करेंगे, लेकिन आपके अमाउंट पर 8 फीसदी के हिसाब से ब्याज जुड़ता रहेगा.
SSY कैलकुलेटर के हिसाब से इसकी कैलकुलेशन करें तो हर महीने 5000 रुपए के हिसाब से 15 सालों में 9 लाख रुपए निवेश करने पर आपको 17,97,246 रुपए सिर्फ ब्याज के तौर पर मिलेंगे. ऐसे में 9,00,000+ 17,97,246 = 26,97,246 हुए जो कि करीब 27,00,000 रुपए हुए, जो कि आपको मैच्योरिटी के समय मिलेंगे. इस तरह से आप अपनी बेटी के लिए आसानी से अच्छा खासा फंड जोड़ सकते हैं.
2023 में निवेश करेंगे शुरु तो कब मैच्योर होगी स्कीम
अगर आप सुकन्या समृद्धि योजना में बेटी के नाम से साल 2023 में निवेश की शुरुआत करते हैं, तो 21 साल बाद आपको मैच्योरिटी की रकम मिलेगी. ऐसे में ये स्कीम साल 2044 में मैच्योर होगी. बता दें कि सुकन्या समृद्धि योजना में ब्याज की समीक्षा तिमाही के आधार पर होती है. इसमें इनकम टैक्स (Income tax) एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट भी मिलती है. अधिकतम 1.50 लाख रुपए पर आप टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं.
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