'जब दूसरों को बाजार में डर लग रहा हो तो लालची बनें और जब दूसरों का लालच बढ़ रहा हो तो शेयर बेच दें.' यही स्ट्रैटेजी बाजार में काम आती है. और गब्बर सिंह ने भी कहा है- 'जो डर गया समझो वो मर गया...' शेयर बाजार (Stock Market) में यही काम आता है. अगर निवेश (Investment) की बारीकियां न पता हों तो दिल गलती कर बैठेगा. जल्दबाजी में लिए गए फैसले अक्सर धोखा दे सकते हैं. ये हम नहीं, दुनिया के जाने-माने निवेशक और सबसे अमीर लोगों में शामिल वॉरेन बफेट (Warren buffett) का मानना है. बफेट की सलाह है कि निवेशकों को लंबी अवधि के लिए निवेश पर फोकस करना चाहिए. छोटी अवधि में पैसा कमाने की सोच को बदलना होगा.

बाजार रिवॉर्ड जरूर देगा

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वारेन बफे का एक कथन पढ़ लीजिए- 'अगर शेयर बाजार 10 साल के लिए बंद हो जाए तो शेयर (लॉन्ग टर्म वाले) खरीदने चाहिए जिसे रखकर आपको पूरी तरह सुकून मिले.' बफे का मानना ​​है कि शेयर बाजार लंबी अवधि में हमेशा ऊपर की तरफ ही बढ़ता है. जिन निवेशक ने समय के साथ बाजार में अपने निवेश को लंबे समय तक बनाए रखा है, ये उन्हें रिवॉर्ड जरूर देता है. 

डायवर्सिफाई पोर्टफोलियो देगा मजबूती की नींव

एक्सपर्ट्स की मानें तो पोर्टफोलियो हमेशा डायवर्सिफाइड होना चाहिए. एक ही जगह निवेश न करें. सारा पैसा एक ही जगह डाल देंगे तो पैसा डूबने का खतरा रहेगा. वहीं, अलग-अलग निवेश आपके पोर्टफोलियो को हर स्थिति में मजबूती देने का काम करेगा. जाहिर है किसी भी परिस्थिति में आपका पैसा डूबेगा नहीं. क्योंकि, अगर एक जगह गिरावट होगी तो दूसरा उसके नुकसान की भरपाई के लिए खड़ा रहेगा. लेकिन, सवाल ये है कि कहां निवेश किया जाए कि पैसा डूबे भी नहीं और नुकसान की भरपाई के लिए दूसरा निवेश बढ़ता भी रहे.

कैसे चमकता रहेगा आपका पोर्टफोलियो?

बाजार भले ही लाल हो या फिर हरा.. लेकिन आपका पोर्टफोलियो चमकता रहे, इसके लिए निवेश को बांटने का सबसे सटीक फॉर्मूला समझना होगा. अपने पैसे को कहां किस कैटेगरी में और कितना लगाएं ये इन फॉर्मूलों से पता चलता है. 

1. पहला तरीका- 60:40

अपना पैसा 60 फीसदी इक्विटी में डालें और 40 फीसदी पैसा डेट में लगाएं. लेकिन, ये तरीका काफी पुराना हो चुका है. पिछले कई साल से यह उतना कारगर नहीं रह पाया. इसलिए बड़े दिग्गज इसमें पैसा नहीं लगाते हैं. 

2. दूसरा तरीका- 70:20:10

सबसे पॉपुलर या यूं कहें कि आज के वक्त का सबसे सटीक फॉर्मूला. 70 फीसदी इक्विटी, 20 फीसदी डेट, 10 फीसदी गोल्ड में लगाना चाहिए. एक्सपर्ट्स की मानें तो गोल्ड निवेश का एक शानदार ऑप्शन है. खासकर आपात स्थितियों में गोल्ड का कोई तोड़ नहीं है. पोर्टफोलिया महज 10 फीसदी गोल्ड भी टूटते मार्केट में पोर्टफोलियो को मजबूती देगा.

3. तीसरा तरीका- 60:30:10

60 फीसदी इक्विटी, 30 फीसदी डेट और 10 फीसदी गोल्ड में निवेश का ये नियम सामान्य है. लेकिन, अस्थिरता के दौर और वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए ये सामान्य तरीका है. 

4. चौथा तरीका- 50:40:10

सलाह दी जाती है कि कभी भी अपने निवेश को बराबर हिस्सों में न बांटे. अगर 50 फीसदी इक्विटी और 40 फीसदी डेट में रखेंगे तो ये लगभग बराबर ही होगा. ऐसे में नुकसान की रिकवरी कम ही होती है. वहीं, ऐसी स्थिति में 10 फीसदी गोल्ड भी आपकी मदद नहीं करेगा. आपका पोर्टफोलियो भी खराब हो सकता है. 

5. पांचवा तरीका- 50:30:20

कई बार लोग इक्विटी, डेब्ट और गोल्ड में निवेश के लिए 50:30:20 का रूल अपनाते हैं, जो मार्केट के उतार-चढ़ाव में ठीक नहीं होता. इक्विटी मार्केट में निवेश से पहले ये आकलन करना जरूरी है कि बाजार से आप कितना रिस्क उठा सकते हैं.

तो कौन सा तरीका रहेगा बेस्ट?

एक्सपर्ट के अनुसार, मार्केट के उतार-चढ़ाव और वैश्विक चुनौतियों के बीच निवेश मुनाफा ही कमा कर देगा इसकी गारंटी नहीं है. इसलिए निवेश को बांटना ज्यादा जरूरी है. 60:40 के बजाए पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करके 70:20:10 के फॉर्मूले अपनाएं. इससे आपका पैसा कभी डूबेगा नहीं.