गांव की महिला भी बन सकती है कारोबारी, इन कामों के लिए मिल रहा है सस्ता कर्ज
महिला विकास ऋण योजना में महिलाओं को काम करने के लिए 50,000 रुपये तक का कर्ज दिया जाता है.
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से सरकार समय-समय पर महिलाओं के लिए नई योजनाएं शुरू करती रहती है. इन योजनाओं से महिलाओं को बहुत ही कम दर पर कर्ज मुहैया कराया जाता है
इस कड़ी में गांव की महिला, विधवा और कमजोर वर्ग की महिलाओं को नियमित आमदनी जुटाने के मकसद से महिला विकास ऋण योजना बहुत ही कारगर योजना है. इस योजना को राज्य के सहकारी भूमि विकास बैंकों (Sahakari Bhoomi Vikas Bank) के माध्यम से चलाया जा रहा है.
महिला विकास ऋण योजना
इस योजना के तहत महिलाओं को कुटीर उद्योग, हस्तशिल्प, ग्रामीण उद्योगों, डेयरी के काम के लिए कर्ज दिया जाता है.
सहकारी बैंक से कर्ज लेकर महिलाएं चूड़ी बनाना, मिट्टी के बर्तन बनाना, कशीदा, कढ़ाई, खिलौने बनाना, चटाई बनाना, बुनाई का काम, टेलरिंग, ब्यूटी पार्लर, जरी का कार्य, चमड़ा उद्योग जैसे काम कर सकती है. इसके अलावा महिलाओं को दो मुर्रा भैस या दो संकर गाय, या एक मुर्रा भैस और एक संकर गाय पालन के लिए भी कर्ज दिया जाता है.
महिला विकास ऋण योजना के तहत महिलाओं को काम करने के लिए 50,000 रुपये तक का कर्ज दिया जाता है.
कौन ले सकता है कर्ज
- महिला सहकारी भूमि विकास बैंक की कार्य सीमा की निवासी हो.
- कर्ज लेने के लिए दो व्यक्तियों को जमानत देनी होगी.
- जमानत देने वाले व्यक्तियों के कर्ज मुक्त अचल सम्पति हो.
- संपत्ति के कागज जमानत के तौर पर बैंक में रखने होंगे.
क्या करना होगा
- कर्ज लेने के लिए सहकारी भूमि विकास बैंक की शाखा से एप्लीकेशन के साथ एक फॉर्म भरकर जमा कराना होगा.
- एप्लीकेशन के साथ जो काम करने जा रहे हैं उसकी लागत का ब्यौरा.
- जमानत के बारे में घोषणा पत्र और मालिकाना हक वाले कागज.
कितना कर्ज मिलता है
- महिला विकास योजना के तहत 50,000 रुपये का कर्ज.
- जो वस्तु खरीदी जा रही है उसकी कीमत का 90 फीसदी कर्ज.
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कर्ज चुकाने का समय
- कर्ज चुकाने का समय 5 साल होता है. इसमें 3 महीने का ग्रेस पीरियड मिलता है
- कर्ज का भुगतान मासिक या तिमाही किस्तों में किया जाता है.
इस तरह आप अपने नजदीक के सहकारी बैंक से आसान शर्तों पर कर्ज लेकर अपना कोई काम शुरू कर सकते हैं.