SSY: अकाउंट खुलवाकर निवेश तो शुरू कर दिया लेकिन अब मन बदल गया, क्या बीच में बंद करवा सकते हैं खाता?
21 साल में स्कीम के मैच्योर होने का पीरियड काफी लंबा है, ऐसे में कई बार लोग स्कीम में निवेश शुरू तो कर देते हैं, लेकिन लंबे समय तक जारी नहीं कर पाते या फिर लोगों को इससे बेहतर रिटर्न देने वाली स्कीम मिल जाती है और वो इस स्कीम को बीच में बंद करवाना चाहते हैं. ऐसे में निवेशकों के पास क्या विकल्प है? जान लीजिए
सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana- SSY) एक ऐसी स्कीम है जिसे सरकार ने बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिहाज से शुरू किया है. अगर बेटी की उम्र 10 साल से कम है तो उसके नाम से बच्ची के पैरेंट्स इस स्कीम में निवेश कर सकते हैं. सुकन्या समृद्धि स्कीम में आपको लगातार 15 सालों तक निवेश करना होता है और 21 साल बाद ये स्कीम मैच्योर होती है. मौजूदा समय में इस स्कीम में 8.2 फीसदी के हिसाब से ब्याज मिल रहा है.
चूंकि 21 साल में स्कीम के मैच्योर होने का पीरियड काफी लंबा है, ऐसे में कई बार लोग स्कीम में निवेश शुरू तो कर देते हैं, लेकिन लंबे समय तक जारी नहीं कर पाते. वहीं कई बार लोगों को इससे बेहतर रिटर्न देने वाली स्कीम मिल जाती है और वो इस स्कीम को बीच में बंद करवाना चाहते हैं. अगर आप भी ऐसा कुछ सोच रहे हैं, तो आपको ये जरूर जान लेना चाहिए कि किन स्थितियों में सुकन्या अकाउंट (Sukanya Account) को 21 साल से पहले बंद कराया जा सकता है और किन स्थितियों में आप मैच्योरिटी के बीच में पैसों की निकासी कर सकते हैं.
कब सुकन्या समृद्धि अकाउंट को बीच में कराया जा सकता है बंद
- अगर मैच्योरिटी से पहले ही बच्ची के कानूनी अभिभावक की मृत्यु हो जाती है, तो अकाउंट को बीच में ही बंद करवाया जा सकता है. लेकिन ये सुविधा खाता खोलने के 5 साल बाद मिलती है.
- अगर अकाउंट होल्डर बच्ची को कोई जानलेवा बीमारी हो जाती है. इलाज के लिए पैसों की जरूरत पड़ने पर आप अकाउंट को बंद करवा सकते हैं. लेकिन ये सुविधा भी 5 साल बाद ही मिलती है.
- भारत की नागरकिता छोड़ देने पर भी आपका खाता बंद मान लिया जाता है. ऐसे में ब्याज जोड़कर सारा पैसा वापस कर दिया जाता है. लेकिन अगर आप किसी दूसरे देश में सेटल हुए हैं, लेकिन भारत की नागरिकता नहीं छोड़ी है, तो इस अकाउंट को मैच्योरिटी पूरी होने तक जारी रखा जा सकता है.
किन स्थितियों में हो सकता है प्री-मैच्योर विड्रॉल
- अगर आप 10वीं के बाद बच्ची को हायर स्टडीज के लिए भेजना चाहते हैं और इसके लिए आपको पैसों की जरूरत है, तो आप बेटी की उम्र 18 साल पूरी होने के बाद 50 प्रतिशत तक रकम की निकासी कर सकते हैं. ये रकम भी पिछले वित्त वर्ष के कुल बैलेंस की 50 प्रतिशत हो सकती है. लेकिन इसके लिए आपको हायर स्टडीज के लिए प्रूफ देना होगा.
- जिस लड़की के नाम से स्कीम में निवेश किया है, उसकी मौत स्कीम के मैच्योर होने से पहले हो जाती है, तो उसके माता-पिता को इस योजना में निवेश किया गया पैसा ब्याज के साथ मिल जाता है. हालांकि इसके लिए लड़की की मृत्यु का प्रमाण पत्र जमा करना पड़ता है.
- अगर आपकी बेटी की शादी 18 साल की उम्र पर होती है तो आप अकाउंट में मौजूद बैलेंस की 50 प्रतिशत रकम निकाल सकते हैं. लेकिन ये 50 प्रतिशत पिछले वित्त वर्ष के कुल बैलेंस का होता है. इसके लिए पैसे को लड़की की शादी से एक महीने पहले से लेकर शादी के बाद तीन महीने तक निकाला जा सकता है.