5 मंत्र जो SIP को बना देंगे मुनाफे की मशीन, देखते ही देखते इकट्ठा हो जाएगा मोटा फंड
अगर आप SIP से तगड़ा मुनाफा कमाकर मोटी रकम जमा करना चाहते हैं, तो आपको SIP से जुड़ी कुछ बातों को अच्छे से समझ लेना चाहिए. ये बातें तेजी से वेल्थ क्रिएशन में मददगार हैं और आपको बड़ा फायदा करा सकती हैं.
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) समय के साथ आम आदमी के लिए एक भरोसेमंद विकल्प बनता जा रहा है. छोटी बचत के साथ बेहतर रिटर्न देने के कारण अब लोगों का ध्यान तेजी से SIP की ओर आकर्षित हो रहा है. एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश किया जाता है. एक्सपर्ट्स की मानें तो लंबे समय के लिए एसआईपी में अगर निवेश किया जाए तो तेजी से वेल्थ क्रिएशन होता है.हालांकि इसमें निवेश करने से पहले आपको ये बात अच्छे से समझ लेनी चाहिए कि एसआईपी मार्केट से लिंक्ड है, इसलिए इस पर गारंटीड रिटर्न नहीं होता.
वैसे एक्सपर्ट्स इसमें औसतन रिटर्न 12 प्रतिशत का मानते हैं जो मौजूदा समय में किसी भी स्कीम से ज्यादा है. SIP को लेकर अच्छी बात ये है कि इसमें आप 500 रुपए महीने से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. लेकिन अगर आप इसके जरिए भविष्य के लिए मोटा फंड जमा करना चाहते हैं तो यहां जान लीजिए वो 5 बातें जो SIP को मुनाफे की मशीन बना सकती हैं.
जल्द से जल्द करें शुरुआत
अगर आप एसआईपी से मोटा फंड जोड़ना चाहते हैं, तो इसमें जल्द से जल्द निवेश शुरू करें. युवाओं को तो अपनी पहली सैलरी से ही इसमें निवेश कर देना चाहिए. इस निवेश को लंबे समय तक यानी 20, 25 और 30 सालों तक जारी रखें. इससे आप अपने लिए काफी अच्छा फंड तैयार कर सकते हैं. एसआईपी के जरिए करोड़पति बनना भी बड़ी बात नहीं है.
निवेश के मामले में अनुशासित रहें
अगर आप SIP में पैसा लगा रहे हैं, तो निवेश के मामले में अनुशासित रहें. हर महीने तय डेट पर रकम इन्वेस्ट करते रहें. नियमित और अनुशासित निवेश का फॉर्मूला सिर्फ एसआईपी में ही नहीं, बाकी हर तरह के निवेश में लागू होता है, तभी आप अच्छा रिटर्न हासिल कर सकते हैं.
बाजार देखकर निवेश न करें
एसआईपी मार्केट लिंक्ड स्कीम है, लेकिन फिर भी ये सीधेतौर पर बाजार में पैसा लगाने की तुलना में कम जोखिमभरी मानी जाती है. इसलिए एसआईपी के मामले में बाजार का मूड देखकर निवेश न करें. कुछ लोग बाजार के मंदा पड़ते ही पैसे निकालने लगते हैं, जिससे उनको नुकसान हो सकता है. ध्यान रखें कि एसआईपी में आपको रुपी कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा मिलता है. यानी अगर मार्केट गिरावट में है और आपने पैसा निवेश किया तो आपको ज्यादा यूनिट्स अलॉट होंगे और मार्केट में तेजी आने पर अलॉट होने वाले यूनिट्स की संख्या कम होगी. ऐसे में मार्केट में उतार-चढ़ाव की स्थिति में भी आपका खर्च औसत बना रहता है.
इनकम बढ़ने पर निवेश की रकम बढ़ाएं
एसआईपी में एक अच्छी बात ये है कि इसमें आप निवेश की जाने वाली रकम को समय के साथ बढ़ा या घटा सकते हैं. लेकिन अगर आपको वेल्थ क्रिएट करना है तो इनकम के साथ समय-समय पर इसमें निवेश की रकम को भी बढ़ाते रहें. इससे आपको आगे चलकर काफी फायदा मिलेगा और आप तेजी से Corpus बना पाएंगे.
जरूरत के हिसाब से फंड का चुनाव करें
आप एसआईपी में किस मकसद से निवेश कर रहे हैं, आप शॉर्ट टर्म के लिए निवेश करना चाहते हैं या लॉन्ग टर्म के लिए, ये बातें अपने माइंड में क्लीयर रखें और निवेश करते समय जरूरत के हिसाब से स्मॉल कैप, मिड कैप और लार्ज कैप फंड का चुनाव करें. वैसे एक्सपर्ट्स की मानें तो अपने पोर्टफोलियो को चमकता-दमकता रखना चाहिए. ऐसे में आपको सोने-चांदी, इक्विटी, डेट फंड, रियल एस्टेट और म्यूचुअल फंड्स आदि तमाम जगहों पर निवेश करना चाहिए. इस मामले में आप किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट की मदद भी ले सकते हैं.