अगर आप किसी ऐसे निवेश विकल्प में पैसा लगाना चाहते हैं जिसमें टैक्स (Tax) भी बचे और तय रिटर्न भी मिले तो एसबीआई (SBI) की टैक्स सेविंग टर्म डिपोजिट (SBI Tax Saving Term Deposits) ऐसी ही स्कीम है. इसमें निवेश करना काफी आसान है. एसबीआई टैक्स सेविंग स्कीम में इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है. 

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कौन कर सकता है निवेश

इस स्कीम (SBI Tax Saving Term Deposits) में एक व्यक्ति के रूप में या हिंदू अविभाजित परिवार के कर्ता जिनके पास आयकर स्थायी खाता संख्या (PAN Number) है. निवेश कर सकते हैं. ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, ज्वाइंट अकाउंट दो वयस्कों या एक वयस्क और एक नाबालिग को संयुक्त रूप से जारी किया जा सकता है.

निवेश करने की समयसीमा

एसबीआई टैक्स सेविंग टर्म डिपोजिट (SBI Tax Saving Term Deposits scheme) में कम से कम पांच साल के लिए निवेश करना होता है. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, इस स्कीम में मैक्सिमम 10 साल तक निवेश किया जा सकता है. यह ध्यान रखें कि पहले पांच साल के लॉक इन पीरियड में आपको लोन की सुविधा नहीं मिलेगी.

कितना कर सकते हैं निवेश

इस स्कीम में कम से कम 1000 रुपये का निवेश कर सकते हैं और इसके बाद 100 रुपये के मल्टीपल में निवेश कर सकते हैं. हालांकि एक वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक ही निवेश किया जा सकता है. इस स्कीम में नॉमिनेशन की भी सुविधा है. आप चाहें तो इस स्कीम के अकाउंट के दूसरे ब्रांच में ट्रांसफर करा सकते हैं.

पैसे की निकासी

एसबीआई टैक्स सेविंग टर्म डिपोजिट में पांच साल के लॉक इन पीरियड के दौरान बीच में पैसे नहीं निकाल सकते. हां, अगर अकाउंटहोल्डर की डेथ ही हो जाए, तभी स्कीम को एनकैश किया जा सकता है. ज्वाइंट अकाउंट में पहले अकाउंटहोल्डर की मृत्यु की स्थिति में, दूसरा अकाउंट होल्डर मेच्योरिटी से पहले जमा राशि को निकालने का हकदार है. 

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टर्म डिपोजिट की तर्ज पर ब्याज दर 

इस टैक्स सेविंग टर्म डिपोजिट में एसबीआई की टर्म डिपोजिट के मुताबिक रिटर्न के तौर पर ब्याज दर (sbi tax saver fixed deposit interest rates 2022) लागू होते हैं. यानी आम आदमी के साथ सीनियर सिटीजन को थोड़ा ज्यादा रिटर्न मिलता है. इस स्कीम में टीडीएस की करेंट रेट लागू है. इनकम टैक्स नियमों के मुताबिक, टैक्स कटौती से छूट पाने के लिए जमाकर्ता फॉर्म 15G/15H को भरकर जमा कर सकते हैं.