SBI की इस स्कीम में मिलता है TAX बचत करने का ऑप्शन, रिटर्न भी शानदार
Tax saving : भारतीय अविभाजित परिवार के कर्ता के रूप में या व्यक्तिगत तौर पर स्वयं इस योजना में निवेश कर सकते हैं. हां इस योजना में निवेश के लिए आपके पास स्थायी खाता संख्या यानी पैन होना चाहिए.
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक यानी एसबीआई (SBI) टैक्स बचत करने की एक खास स्कीम की सुविधा देता है. इसे एसबीआई टैक्स सेविंग्स स्कीम, 2006 (SBI Tax saving scheme 2006) कहते हैं तो एक तरह से सावधि जमा की तरह होता है. एसबीआई की आधिकारिक वेबसाइट sbi.co.in के अनुसार, भारतीय अविभाजित परिवार के कर्ता के रूप में या व्यक्तिगत तौर पर स्वयं इस योजना में निवेश कर सकते हैं. हां इस योजना में निवेश के लिए आपके पास स्थायी खाता संख्या यानी पैन होना चाहिए.
न्यूनतम निवेश राशि
एसबीआई की वेबसाइट के अनुसार, एसबीआई टैक्स बचत योजना, 2006 में निवेशकों को न्यूनतम 1,000 रुपये निवेश करने का विकल्प देता है. इसके अलावा इसके गुणकों में एक साल में अधिकतम जमा 1,50,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए. एसबीआई टैक्स सेविंग स्कीम, 2006 के लिए न्यूनतम कार्यकाल पांच साल है जो अधिकतम 10 वर्ष तक बढ़ सकता है.
स्कीम पर रिटर्न
इस योजना के लिए ब्याज की दर, सावधि जमा के समान ही है. सामान्य लोगों के लिए 2 करोड़ रुपये से कम के निवेश पर 6.25 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 5 वर्ष की परिपक्वता अवधि और 10 वर्ष तक के लिए 6.75 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है.
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समय से पहले निकासी
एसबीआई के अनुसार, ग्राहक इसकी प्राप्ति की तारीख से पांच साल की समाप्ति से पहले सावधि जमा को वापस नहीं ले सकते. एसबीआई की यह योजना आयकर की धारा 80सी के तहत 1.50 लाख रुपये तक टैक्स छूट का लाभ प्रदान करती है. इस योजना में नॉमिनी की भी सुविधा मौजूद है. हालांकि, ग्राहक सावधि जमा खाते का उपयोग ऋण को सुरक्षित करने या किसी अन्य संपत्ति के लिए सुरक्षा के रूप में नहीं कर सकते हैं.