अगर आप एसबीआई (SBI) के कस्टमर हैं तो आप यहां पीपीएफ (PPF) अकाउंट खोल सकते हैं. इससे लंबी अवधि में अच्छे रिटर्न के साथ निवेश करने का शानदार मौका होता है. आप चाहें तो खुद के नाम के साथ-साथ नाबालिग की तरफ से किसी भी ब्रांच में पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंड फंड) अकाउंट खोल सकते हैं. हां, हिंदू अविभाजित परिवार के नाम पर पीपीएफ खाते खोलने की अनुमति नहीं है. आइए इस खाते से जुड़े मुख्य पांच बातों पर नजर डालते हैं.

  • पीपीएफ खाते में न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1,50,000 रुपये सालाना निवेश किया जा सकता है. इससे अधिक जमा करने पर आपको अतिरिक्त राशि पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा और न ही आप आयकर अधिनियम के तहत छूट के लिए पात्र होंगे. एसबीआई की वेबसाइट के मुताबिक, पीपीएफ में राशि एकमुश्त या अधिकतम 12 किस्तों में प्रति वर्ष जमा की जा सकती है.
  • पीपीएफ में जमा राशि पर ब्याज दर त्रैमासिक (हर तीन महीने पर) आधार पर केंद्र सरकार द्वारा तय की जाती है. वर्तमान में यह 7.9 प्रतिशत सालाना है. ब्याज का कैलकुलेशन न्यूनतम बैलेंस राशि (पीपीएफ खाते में) महीने के पांचवें दिन और अंतिम दिन के बीच की जाती है. एसबीआई के मुताबिक, निवेशक को हर साल प्राप्त ब्याज 31 मार्च को भुगतान किया जाता है.
  • पीपीएफ अकाउंट में निवेश 15 सालों के लिए होती है. इसके बाद, सब्सक्राइबर द्वारा अप्लाई करने पर, इसे प्रत्येक 5 साल के लिए एक या अधिक बार बढ़ाया जा सकता है.

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  • एसबीआई के पीपीएफ खाते के तहत, इनकम टैक्स कानून की धारा 88 के तहत इनकम टैक्स बेनिफिट मिलता है. ब्याज के रूप में होने वाली इनकम पूरी तरह से इनकम टैक्स से फ्री होता है. एसबीआई के अनुसार, क्रेडिट के लिए बकाया राशि को पूरी तरह से वेल्थ टैक्स से भी छूट दी गई है. 
  • कुछ शर्तों के तहत खाते के पांच साल तक चलाने के बाद समय से पहले भुगतान की अनुमति है. यह बात नाबालिगों के नाम पर आयोजित खाते पर भी लागू होती है.