देश का सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) अपने ग्राहकों को कई तरह के क्रेडिट कार्ड जारी करता है. बैंक की तरफ से क्रेडिट कार्ड पर ग्राहकों को कई तरह के डिस्काउंट और कैशबैक ऑफर आदि की पेशकश भी की जाती है, लेकिन बैंक अपने ग्राहकों से इन क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल के बदले कुछ शुल्क भी लेता है. वित्तीय जानकारों का कहना है कि ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल और उस पर लगने वाले शुल्क के बारे में अच्छे से जान लेना चाहिए. हम यहां चर्चा करते हैं कि आखिर एसबीआई क्रेडिट कार्ड पर किस तरह के शुल्क वसूलता है.

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वार्षिक शुल्क और रिन्युअल फी

एसबीआई क्रेडिट कार्ड पर वार्षिक शुल्क और रिन्युअल फी (नवीकरण शुल्क) दोनों देना होता है. वार्षिक शुल्क एक बार देना होता है, जबकि रिन्युअल फीस यानी नवीकरण शुल्क हर साल देना होता है. SBI की क्रेडिट कार्ड वेबसाइट sbicard.com के अनुसार, क्रेडिट कार्ड अलग-अलग वेरिएंट में होते हैं तो इसके लिए शुल्क भी अलग रह सकते हैं. बैंक की तरफ से यह शुल्क कार्डधारक के खाते से सीधे लिया जाता है, जिसकी जानकारी उस महीने के स्टेटमेंट में दे दी जाती है.

कैश एडवांस शुल्क

कार्डधारक को किसी आपातस्थिति में कैश की जरूरत पड़ने पर निकासी की सुविधा मिलती है. एसबीआई इस सुविधा के बदले यानी निकासी पर शुल्क वसूलता है. इसकी जानकारी कार्डधारक को अगले महीने के स्टेटमेंट में दिया जाता है. शुल्क के रूप में अगर कार्डधारक भारत में निकासी करता है तो 2.5 प्रतिशत या 300 रुपये जो भी ज्यादा होगा, देना होता है. यही शुल्क विदेश में निकासी पर लागू है.

कैश पेमेंट शुल्क

एसबीआई क्रेडिट कार्ड होल्डर को बकाया भुगतान के लिए किसी शाखा को चुनने की आजादी होती है. यहां वह कार्ड का बकाया चुका सकता है, जिसमें उसे स्लिप में क्रेडिट कार्ड नंबर और राशि की जानकारी देनी होती है. इसे बैंक के काउंटर पर जमा करने से पेमेंट हो जाता है. बिल पेमेंट के बाद तुरंत पेमेंट रसीद दी जाती है. एसबीआई इस सुविधा के बदले 199 रुपये+टैक्स शुल्क के रूप में वसूलता है.

ब्याज मुक्त ग्रेस पीरियड

दुकानदारों या व्यापारियों के लिए ब्याज मुक्त क्रेडिट पीरियड 20 से 50 दिनों का हो सकता है. हालांकि यह तब संभव है जब पिछला बकाया बिल्कुल चुका दिया गया हो. अगर आपने एटीएम से कैश निकाला हो तो यह राहत नहीं मिलती है. अगर आपने समयसीमा पार कर दी तो आपको शुल्क देना होगा.

वित्त प्रभार (सेवा शुल्क)

मासिक किस्त सहित सभी ट्रांजेक्शन के बकाए का अगर भुगतान लेन-देन की तारीख से लेकर समयसीमा तक नहीं किया गया तो पूरे महीने का ब्याज आपको देना होगा. अगर कार्डधारक ने तारीख से पहले पूरा भुगतान नहीं किया है यानी थोड़ी रकम ही दी है तब भी आपको शुल्क देना होगा.

देर से भुगतान पर शुल्क

यदि देय देय राशि का भुगतान देय तिथि से नहीं किया जाता है तब आप पर शुल्क लगाया जाता है. समय-समय पर बैंक की तरफ से शुल्क लागू होते हैं जिसका भुगतान कार्डधारक को करना होता है.