तमाम लोगों की शिकायत होती है कि वो चाहे कितना ही पैसा कमा लें, उनके पास कुछ बचता नहीं है. इसका कारण है कि या तो वो बहुत खर्चीचे स्‍वभाव के होते हैं या फिर जिम्‍मेदारियों का बोझ इतना ज्‍यादा होता है कि सैलरी उन जिम्‍मेदारियों को पूरा करने में ही निपट जाती है. लेकिन हालात चाहे जो भी हों, आपको बचत करने की आदत जरूर होनी चाहिए. वरना आपका और परिवार का फ्यूचर खतरे में आ सकता है. अगर आपकी सैलरी भी अकाउंट में क्रेडिट होते ही खर्च हो जाती है, तो आप बस 2 काम करने की आदत बना लेनी चाहिए. एक बार अगर आपने ऐसा कर लिया तो आप अपनी बचत हर हाल में करना सीख जाएंगे और अपने भविष्‍य को सिक्‍योर भी कर लेंगे. इसके बाद अगर आप पूरी सैलरी खर्च कर भी दें तो किसी बात का पछतावा नहीं होगा.

सेविंग्‍स के लिए ये तरीका अपनाएं

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ज्‍यादातर लोगों की सैलरी महीने के आखिरी दिन या महीने के पहले दिन में आती है. सैलरी आते ही हम जरूरी खर्च पहले पूरे करने लगते हैं. लेकिन अब आपको सबसे पहला काम ये करना है कि आपको अपनी इनकम का 20 फीसदी अमाउंट दूसरे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर देना है. आप बचत का एक हिस्‍सा पहले ही अगर सैलरी से निकालकर अलग कर देंगे, तो ये आपकी मजबूरी होगी कि आप बाकी के खर्चों को बची हुई रकम से ही पूरा करें. 

उदाहरण से समझिए

मान लीजिए कि आपको 40,000 रुपए सैलरी मिलती है तो 40,000 का 20 फीसदी 8,000 रुपए हुआ. ऐसे में सैलरी मिलते ही आपको 8,000 रुपए निवेश करने हैं. अब आपके मन में सवाल होगा कि 20 फीसदी ही क्‍यों? तो आपको बता दें कि फाइनेंशियल रूल कहता है कि हर व्‍यक्ति को अपनी कमाई का 20 फीसदी हिस्‍सा निवेश करना चाहिए. ऐसे में आपकी जो भी सैलरी हो, आप 20 प्रतिशत हर हाल में निवेश करें. अगर आपको लगता है कि बचे हुए पैसे आपके लिए कम हैं, तो आप अपने फिजूल खर्चों पर कैंची चलाएं, लेकिन निवेश के मामले में कोई कॉम्‍प्रोमाइज न करें. शुरुआत में आपको थोड़ी परेशानी आ सकती है, लेकिन धीरे-धीरे ये आपकी आदत का हिस्‍सा बन जाएगा. 

दूसरा काम है निवेश

आपने जिस रकम को बचत के तौर पर दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर किया है, उस रकम को महीने के पहले ही हफ्ते में निवेश कर दें. अगर दूसरा अकाउंट नहीं है तो फिर उस अमाउंट को पहले हफ्ते ही सैलरी अकाउंट से सीधे निवेश कर दें. निवेश के लिए पहला हफ्ता ही चुनें क्‍योंकि अगर आप ये सोचते हैं कि महीने के लास्‍ट में आप इन्‍वेस्‍ट करेंगे, तो यकीन मानिए कई बार खर्च इतने ज्‍यादा होते हैं कि आप निवेश लायक रकम बचा भी नहीं पाते. इसलिए निवेश का पैसा पहले ही ठिकाने पर लगा दें. इसके बाद आपके अकाउंट में जितनी सैलरी बचती है आप उसे अपनी मर्जी और जरूरतों के हिसाब से खर्च कर सकते हैं.

कहां करें निवेश?

अब सवाल उठता है कि निवेश कहां करें? तो निवेश के मामले में एक कहावत फिट बैठती है, वो ये कि सारे अंडे एक ही टोकरी में नहीं रखने चाहिए. मतलब आपको सारी रकम एक ही जगह पर निवेश नहीं करनी चाहिए. अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करें. आजकल RD, PPF, SIP म्‍यूचुअल फंड्स जैसी तमाम ऐसी स्‍कीम्‍स हैं, जिनमें आप हर महीने एक निश्चित अमाउंट निवेश कर सकते हैं और लंबे समय में बड़ा अमाउंट जोड़ सकते हैं. अगर आपकी 20 फीसदी रकम का अमाउंट अच्‍छा खासा है तो आप इसे डिवाइड करके अलग-अलग स्‍कीम्‍स में निवेश कर सकते हैं.

उदाहरण के तौर पर देखें तो अगर आप 8,000 रुपए हर महीने बचत के तौर पर निकाल रहे हैं तो इसमें से आप 3,000 रुपए SIP में लगा सकते हैं, 3,000 रुपए PPF में लॉन्‍ग टर्म के लिए निवेश कर सकते हैं और 2,000 रुपए की आप शॉर्ट टर्म SIP शुरू कर सकते हैं या RD वगैरह चला सकते हैं. इसके अलावा अगर आप ईपीएफओ में कॉन्‍ट्रीब्‍यूशन करते हैं, तो आप VPF के जरिए ईपीएफ में भी अपना कॉन्‍ट्रीब्‍यूशन बढ़वा सकते हैं. ईपीएफ में भी आपको काफी अच्‍छा ब्‍याज मिल जाता है.

इन खर्चों पर लगाम लगाएं

  • सिगरेट-शराब वगैरह की लत है तो इसे छोड़ने का प्रयास करें.
  • अगर महीने में दो बार बाहर खाने जाते हैं, तो एक बार जाएं.
  • क्रेडिट कार्ड का धड़ल्‍ले से इस्‍तेमाल कम करें.
  • दोस्‍तों के साथ पार्टी में पैसे उड़ाते हैं तो इस आदत को कंट्रोल करें.
  • ऑफर के चक्‍कर में बेवजह खरीददारी करते हैं तो इस आदत को कंट्रोल करें.