क्‍या आप नौकरीपेशा हैं? नौकरी के 10 या 15 साल पूरे कर चुके हैं और वह भी एक ही कंपनी में? तो क्‍या आप जानते हैं कि आपकी कितनी ग्रेच्‍युटी कंपनी के पास इकट्ठा हो चुकी होगी. यानि कितनी रकम ग्रेच्‍युटी के तौर पर कंपनी के पास होगी और जब रिटायर होंगे या बीच में जॉब छोड़ेंगे तो कितनी रकम मिलेगी? 'जी बिजनेस' ने इस टॉपिक पर टैक्‍स एक्‍सपर्ट मनीष गुप्‍ता से बात की. उनके मुताबिक ग्रेच्‍युटी कंपनी की तरफ से अपने कर्मचारियों को दी जाती है. कर्मचारी की सेवा के लिए आभार स्वरूप कंपनियां यह रकम देती हैं. 

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क्‍या होती है ग्रेच्‍युटी? 

> ग्रेच्‍युटी पाने के लिए कम से कम 5 साल तक नौकरी जरूरी है

> पेमेंट ऑफ ग्रेच्‍युटी एक्‍ट, 1972 में नियम तय हैं 

> कंपनी में 10 या ज्यादा कर्मचारी हैं तो ग्रेच्‍युटी देनी होगी

कब मिलती है ग्रेच्‍युटी?

> आप ने 5 साल तक काम करने के बाद इस्तीफा दिया है

> कर्मचारी रिटायर हो रहा है तो ग्रेच्‍युटी कंपनी देती है

> अगर आप पेंशन लेने के हकदार हैं तो ग्रेच्‍युटी मिलेगी 

> कर्मचारी की मृत्यु/हादसे की वजह से अपंग होता है 

> जॉब बदल रहे हैं, शर्तें पूरी होने के बाद फायदा मिलेगा

कैसे मिलेगी ग्रेच्‍युटी?

> कर्मचारी को लगातार 5 साल सेवा देना जरूरी है

> 5 साल से पहले नौकरी छोड़ी तो फायदा नहीं

> बीमारी-हड़ताल के चलते छुट्टी नहीं होंगी शामिल

> मैटरनिटी लीव भी 5 साल की अवधि में शामिल होंगी

5 साल से पहले ग्रेच्‍युटी मिलती है?

> कुछ परिस्थितियों में ग्रेच्‍युटी 5 साल से पहले मिल सकती है 

> 5 साल की अवधि से पहले कर्मचारी की मृत्यु होती है 

> कर्मचारी अपंग हो गया, नौकरी कर पाने में सक्षम नहीं 

> इस स्थिति में ही 5 साल से पहले ग्रेच्‍युटी मिलना संभव

ग्रेच्‍युटी पर कितनी टैक्स छूट?

> आयकर कानून के तहत ग्रेच्‍युटी पर टैक्स छूट है  

> एक तय सीमा तक ग्रेच्‍युटी पर टैक्स छूट मिलती है

> टैक्स फ्री ग्रेच्‍युटी अब 20 लाख रुपए कर दी गई है 

> पहले टैक्स फ्री ग्रेच्‍युटी की सीमा 10 लाख रुपए थी 

> 29 मार्च, 2018 को अधिसूचना जारी की गई थी

अधिकतम ग्रेच्‍युटी कितनी मिल सकती है? 

> ग्रेच्‍युटी की कोई अधिकतम सीमा तय नहीं है 

> कंपनी अपने हिसाब से ग्रेच्‍युटी दे सकती है 

> अभी 20 लाख रुपए तक की ग्रेच्‍युटी टैक्स फ्री है

> 20 लाख रुपए से ज्यादा ग्रेच्‍युटी पर टैक्स लगेगा 

सरकारी और निजी कर्मचारियों के लिए नियम अलग? 

> पेमेंट ऑफ ग्रेच्‍युटी एक्‍ट सरकारी संस्थानों पर भी लागू

> सरकारी-निजी कर्मचारियों के लिए एक समान नियम हैं

> कई ऐसे संस्थान हैं, जिन पर ग्रेच्‍युटी एक्ट लागू नहीं होता 

> ऐसे संस्थान अलग से ग्रेच्‍युटी कैलकुलेट कर सकते हैं

कैसे कैलकुलेट करें ग्रेच्‍युटी?

> कितनी ग्रेच्‍युटी मिलेगी? ये 2 फैक्टर पर निर्भर 

> पहला, कंपनी में कितने सालों तक सेवा दी?

> दूसरा, आपकी अंतिम सैलरी के आधार पर

> सेवा के हर साल की आखिरी सैलरी अहम

> आखिरी सैलरी के 15 दिनों के हिसाब से कैलकुलेशन 

> सैलरी में बेसिक और महंगाई भत्ता भी शामिल 

यह है फॉर्मूला  

> ग्रेच्युटी तय करने का एक फॉर्मूला है

> 15xलास्ट सैलरीxसेवा के साल/26

उदाहरण: 

> नवीन एक इंजीनियर है

> नवीन ने कंपनी को 20 साल की सेवा दी है

> नवीन की अंतिम सैलरी 20 हजार रुपए थी

> ऐसे में उसकी ग्रेच्‍युटी 2,30,769 रुपए होगी 

कैलकुलेशन में ये भी रखें ध्यान

> ग्रेच्‍युटी कैलकुलेशन में अवधि का ध्यान रखना अहम

> किसी कंपनी में कुछ साल और 6 महीने से ज्यादा काम किया 

> ऐसे में 6 महीने भी एक पूरा साल माना जाएगा

> आप ने किसी कंपनी में 20 साल 6 महीने काम किए

> ऐसे में आपकी सेवा के कुल 21 साल माने जाएंगे

> दूसरी तरफ, अवधि 20 साल 5 महीने ही होती है

> ऐसे में सिर्फ 20 साल ही सेवा के माने जाएंगे

  

क्या ग्रेच्‍युटी सैलरी का हिस्सा होती है?

> ग्रेच्‍युटी सैलरी का हिस्सा रखना कंपनी पर निर्भर

> ज्यादातर फर्म ग्रेच्‍युटी को CTC का हिस्सा बनाती हैं 

CTC: Cost to Company

> CTC यानि कंपनी जो खर्च आप पर कर रही है

> ग्रेच्‍युटी अगर आपके अप्वाइंटमेंट लेटर में है

> लेटर में ग्रेच्‍युटी को लेकर कोई शर्त नहीं लिखी

> ऐसे में ग्रेच्‍युटी आपको 5 साल के बाद ही मिलेगी 

कितने दिन में मिलती है ग्रेच्‍युटी?

> कंपनी में आप 5 साल तक काम कर चुके हैं

> नौकरी से इस्तीफा दे दिया, ग्रेच्‍युटी के हकदार हैं

> नौकरी छोड़ने के 30 दिन के भीतर ग्रेच्‍युटी मिलनी चाहिए 

क्या ग्रेच्‍युटी सिर्फ वेतनभोगियों के लिए?

> मौजूदा समय में ग्रेच्‍युटी सिर्फ वेतनभोगियों के लिए 

> अभी छोटे व्यापारी/अन्य के लिए ये सुविधा नहीं है 

> कंपनी/संस्थान में 10 या उससे ज्यादा कर्मचारी हैं

> इन कंपनियों के कर्मचारियों को ही मिलेगा फायदा

दायरे में नहीं आने वालों के लिए ग्रेच्‍युटी?

> कंपनियां/संस्था जो ग्रेच्‍युटी एक्ट के दायरे में नहीं आती हैं

> ऐसी कंपनियां भी अपने कर्मचारियों को ग्रेच्‍युटी दे सकती हैं

> कर्मचारियों को ग्रेच्‍युटी देना/न देना, ये कंपनी पर निर्भर है