सहारा के निवेशकों को उनके पैसे लौटाने के लिए फिर से सुप्रीम कोर्ट जाने वाली है. सहारा ग्रुप के निवेशकों ने सहारा रिफंड पोर्टल पर लगभग 80,000 करोड़ रुपये क्लेम किया है, जिसके लिए सरकार ग्रुप के फंड से पैसे मांगने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी. निवेशकों ने सहारा ग्रुप की कॉरपोरेट समितियों में निवेश किया था, जो पैसा सालों से फंसा हुआ है, इसके लिए इस साल एक पोर्टल की शुरुआत की गई थी.

राज्यसभा में सरकार ने दिया जवाब

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सहकारिता राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने राज्यसभा में सहारा में फंसे निवेशकों के पैसों पर पूछे गए सवाल के जवाब में बताया कि सहकारिता मंत्रालय ने निवेशकों के लिए एक पोर्टल शुरू किया है, जिसके जरिए वो कॉरपोरेट सोसाइटीज़ में फंसे पैसों के लिए क्लेम ऐप्लीकेशन डाल सकते हैं. उन्होंने बताया कि पोर्टल पर पैसा क्लेम करने के लिए 3 करोड़ निवेशकों ने रजिस्टर किया है और कुल मिलाकर 80,000 करोड़ रुपये का क्लेम डाला है.

अभी सरकार के पास 5,000 करोड़ हैं

वर्मा ने कहा कि बहुत से निवेशकों को उनके पैसे वापस भी मिल गए हैं. उन्होंने कहा कि "हमने 45 दिनों के भीतर निवेशकों का पैसा रिफंड करने का प्रोसेस शुरू कर दिया है. हमारे पास 5,000 करोड़ हैं, हम सहारा ग्रुप के फंड से और पैसे लेने के लिए शीर्ष अदालत जाएंगे. सहारा निवेशकों को उनका एक-एक पैसा वापस मिलेगा."

मंत्री ने सभी निवेशकों को आश्वासन दिया है कि पोर्टल पर प्रक्रिया के तहत अपना ऐप्लीकेशन डाल रहे निवेशकों को उनका पैसा वापस मिल जाएगा. अभी सरकार छोटे निवेशकों को 10,000 रुपये प्रति निवेशक को रिफंड करने से शुरू कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि ग्रामीण सहकारी बैंकों में होम लोन की लिमिट को ढाई गुना बढ़ाकर 32 लाख से 75 लाख कर दिया गया है.