'Rule of 100-minus': 2025 में ये फॉर्मूला आपका पोर्टफोलियो मुनाफे से भर देगा! कभी नहीं होंगे फेल- समझें कैलकुलेशन
Rule of 100 Minus: 100 माइनस का रूल आपको सही दिशा में निवेश करने में मदद करता है. अगर आप इसे सही तरीके से अपनाते हैं, तो 2025 में आपका पोर्टफोलियो न केवल सुरक्षित रहेगा, बल्कि मुनाफे से भी भरा होगा.
Rule of 100 Minus: 2025 में अगर आप अपने निवेश पोर्टफोलियो (Portfolio) को सही तरीके से बैलेंस करना चाहते हैं, तो 100 माइनस का रूल आपकी सबसे बड़ी मदद कर सकता है. यह एक आसान और प्रभावी फॉर्मूला है, जो आपको सही एसेट एलोकेशन में गाइड करता है. इस रूल के अनुसार, आपको अपनी उम्र को 100 से घटाना होता है. जो भी परिणाम आता है, वह आपके पोर्टफोलियो का इक्विटी (Stocks) में निवेश करने वाला प्रतिशत होगा. बाकी हिस्सा डेब्ट या फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स में जाना चाहिए.
कैसे काम करता है ये फॉर्मूला?
मान लीजिए, आप 30 साल के हैं.
100 - 30 = 70
इस फॉर्मूले के हिसाब से, आपको अपने पोर्टफोलियो का 70% हिस्सा इक्विटी (Stocks, Mutual Funds) में और बाकी 30% डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स (FD, बॉन्ड्स, PPF) में निवेश करना चाहिए.
क्यों है यह फॉर्मूला खास?
1. जोखिम कम करता है
उम्र के अनुसार आपका पोर्टफोलियो बैलेंस रहता है. जैसे-जैसे आप बड़े होते हैं, जोखिम कम हो जाता है.
2. लॉन्ग टर्म ग्रोथ
युवावस्था में इक्विटी में ज्यादा निवेश आपकी पूंजी को तेजी से बढ़ने में मदद करता है.
3. सेफ्टी नेट
रिटायरमेंट के करीब डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स में ज्यादा निवेश आपको स्थिरता देता है.
कैलकुलेशन के साथ समझें
Case 1- अगर आप 25 साल के हैं
इक्विटी निवेश: 100-25= 75%
डेब्ट निवेश: 25%
आपका पोर्टफोलियो ऐसा दिखेगा: ₹1,00,000 निवेश= ₹75,000 (इक्विटी) + ₹25,000 (डेब्ट)
Case 2- अगर आप 50 साल के हैं
इक्विटी निवेश: 100-50= 50%
डेब्ट निवेश: 50%
आपका पोर्टफोलियो ऐसा दिखेगा: ₹1,00,000 निवेश= ₹50,000 (इक्विटी) + ₹50,000 (डेब्ट)
Case 3- अगर आप 60 साल के हैं
इक्विटी निवेश: 100-60= 40%
डेब्ट निवेश: 60%
आपका पोर्टफोलियो ऐसा दिखेगा: ₹1,00,000 निवेश = ₹40,000 (इक्विटी) + ₹60,000 (डेब्ट)
क्या 100 माइनस का रूल सबके लिए है?
यह रूल हर निवेशक के लिए एक बेसिक गाइड है. हालांकि, आपकी फाइनेंशियल जरूरतों, लक्ष्य और जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर इसमें बदलाव हो सकता है.
1. युवाओं के लिए- यह रूल जोखिम लेने और तेजी से धन बढ़ाने का मौका देता है.
2. रिटायरमेंट के करीब- रूल के हिसाब से डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स में अधिक निवेश आपको स्थिरता देगा.
3. कस्टमाइजेशन- अगर आप अधिक जोखिम ले सकते हैं, तो इक्विटी का प्रतिशत बढ़ा सकते हैं.
एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
100 माइनस का रूल एक सरल लेकिन प्रभावी एसेट एलोकेशन टूल है. यह आपको उम्र के हिसाब से सही निवेश योजना बनाने में मदद करता है. लेकिन हर निवेशक को अपनी जरूरतों और लक्ष्य के अनुसार इसे कस्टमाइज करना चाहिए. 100 माइनस का रूल आपको सही दिशा में निवेश करने में मदद करता है. अगर आप इसे सही तरीके से अपनाते हैं, तो 2025 में आपका पोर्टफोलियो न केवल सुरक्षित रहेगा, बल्कि मुनाफे से भी भरा होगा. तो देर किस बात की? अपने पोर्टफोलियो को बैलेंस करें और मुनाफे की राह पर आगे बढ़ें.