बुढ़ापे में किसी के सामने हाथ ना फैलाना पड़े, इसलिए रिटायरमेंट प्लानिंग (Retirement Planning) बहुत जरूरी होती है. लोग कई तरीकों से अपना रिटायरमेंट प्लान करते हैं. कुछ लोग इसके लिए पीपीएफ (PPF) का सहारा लेते हैं तो कुछ ईपीएफ (EPF) में पैसे डालते हैं. वहीं बहुत सारे लोग नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस (NPS) को चुनते हैं. रिटायरमेंट प्लानिंग करते वक्त आपको 4% Rule के बारे में जरूर पता होना चाहिए. इससे आपको सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि रिटायरमेंट के बाद ऐसा वक्त कभी नहीं आएगा कि आपके पास पैसे खत्म हो जाएं. आइए समझते हैं क्या है यह नियम.

4% नियम कैसे करता है काम?

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इस नियम के तहत आपको यह बताया जाता है कि रिटायरमेंट कॉर्पस से आपको कितने पैसे निकालने चाहिए. आइए जानते हैं इसके स्टेप्स.

समझें, आपको कितने पैसे चाहिए होंगे

सबसे पहले आपको यह कैल्कुलेट करना होगा कि रिटायरमेंट के बाद आपको कितने पैसों की जरूरत पड़ेगी. यह आपकी लाइफस्टाइल पर निर्भर करेगा कि आपको कितने पैसे चाहिए होंगे. इसे कैलकुलेट करने के लिए आपको थोड़ी रिसर्च करनी होगी. आपको ये समझना होगा कि उस वक्त आप किस तरह की लाइफस्टाइल फॉलो कर सकते हैं. तब तक रुपये की वैल्यू कितनी रह जाएगी. इस हिसाब से आपको ये पता चल जाएगा कि आपको कितने पैसों की जरूरत होगी.

अपने सालाना खर्चे को 25 से करने गुणा

रिटायरमेंट के बाद का सालाना खर्चा निकलने के बाद आपको उसे 25 से गुणा करना होगा. इससे आपके पास जो रिटायरमेंट कॉर्पस आएगा, आपको उसी हिसाब से निवेश करना होगा. 25 से गुणा करने के पीछे यह तर्क है कि आपकी बचत से हर साल 4 फीसदी हिस्सा निकाला जा सके. इसके लिए आपको 1 को 0.04 से भाग देना होगा, जिससे 25 आएगा.

पहले साल निकालें 4 फीसदी रकम

रिटायरमेंट के बाद पहले साल आपको अपने कॉर्पस से 4 फीसदी रकम निकलनी होगी. मान लीजिए कि आपका रिटायरमेंट कॉर्पस 5 करोड़ रुपये का है, तो आप पहले साल अपने खर्चों को पूरा करने के लिए 4 फीसदी यानी 20 लाख रुपये निकाल सकते हैं. 

महंगाई के हिसाब से बढ़ाएं निकासी

अगर ऐतिहासिक आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि महंगाई हर साल करीब 6 फीसदी की दर से बढ़ रही है. ऐसे में जब आप पहले साल 20 लाख रुपये निकालेंगे तो अगले साल आपको उसे 6 फीसदी से बढ़ाना होगा. यानी अगले साल आपको 21.2 लाख रुपये निकालने होंगे. 

वैसे तो आप कितना पैसा निकालते हैं या उसे हर साल कितना बढ़ाते हैं यह पूरी तरह से आप पर निर्भर करता है, लेकिन 4 फीसदी वाले नियम से कैशफ्लो बना रहता है. इससे आपको कभी पैसों की कमी नहीं होगी. हालांकि, अगर आप रिटायरमेंट के बाद भी किसी तरह की कंसल्टेंसी या फ्रीलांस काम कर के पैसे कमाते हैं तो आप इससे भी कम रकम निकाल सकते हैं. ध्यान रहे, रिटायरमेंट कॉर्पस बनाते वक्त तो आपको अपने निवेश की समय-समय पर समीक्षा करनी ही चाहिए, रिटायरमेंट बाद भी समीक्षा करते रहनी चाहिए और उसी हिसाब से आगे के फैसले लेने चाहिए.