नौकरीपेशा हों या बिजनेसमैन, बुढ़ापे की जरूरतों को पूरा करने के लिए सभी अपनी कमाई और बचत के हिसाब से रिटायरमेंट फंड जरूर तैयार करते हैं. ये फंड आपकी बड़ी जरूरतों को तो पूरा कर देगा, लेकिन रोजमर्रा के छोटे-छोटे कामों के लिए आप क्‍या करेंगे? इन्‍हें पूरा करने के लिए हर महीने एक रेगुलर इनकम होना जरूरी है. अगर ये टेंशन आपको भी परेशान करती है तो अब उस परेशानी को बाय-बाय बोल दीजिए और समझ लीजिए SIP+SWP की स्‍ट्रैटेजी. अपनी वर्किंग लाइफ में ही अगर आप इस स्‍ट्रैटेजी के साथ तैयारी करना शुरू कर देंगे तो बुढ़ापे पर आप हर महीने मोटी कमाई कर सकते हैं. यहां जानिए इसके बारे में. 

SIP और SWP क्‍या है? पहले ये समझिए

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SIP में हर महीने निर्धारित राशि म्‍यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं और इस पर रिटर्न के साथ लंबे समय में बड़ा अमाउंट इकट्ठा करते हैं. SWP में निर्धारित राशि आपके बैंक अकाउंट में क्रेडिट होती है. SWP की राशि म्यूचुअल फंड यूनिट्स बिकने से आपको मिलती है. फंड खत्‍म हुआ तो SWP बंद हो जाएगा. SWP के जरिए आपको मंथली, तिमाही और सालाना कब पैसा चाहिए ये आपको तय करना होता है.

क्‍या है SIP+SWP स्‍ट्रैटेजी

SIP+SWP स्‍ट्रैटेजी के तहत आप अपनी नौकरी के दौरान एसआईपी के जरिए म्‍यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं. हालांकि मार्केट लिंक्‍ड होने के कारण एसआईपी में थोड़ा जोखिम है, लेकिन फिर भी लॉन्‍ग टाइम में इसका औसतन रिटर्न 12 फीसदी माना जाता है, जो किसी भी अन्‍य स्‍कीम के मुकाबले काफी अच्‍छा है.  SIP में निवेश से कंपाउंडिंग का बेनिफिट मिलता है. आप एसआईपी में 20 से 30 सालों तक के लिए निवेश करें. इससे आप काफी अच्‍छा फंड तैयार कर सकते हैं.

इसके बाद जब रिटायर हो जाएं तो आपको सिस्टमैटिक विद्ड्रॉल प्लान यानी SWP का विकल्‍प चुनना होगा. इसके जरिए आप रेगुलर इनकम का इंतजाम कर सकते हैं. SWP में रिटर्न अनुमान 8 फीसदी के आसपास माना जाता है. SWP में, आप अपनी आवश्यकताओं के अनुसार विद्ड्रॉल अमाउंट और उसके लिए अवधि यानी 10 साल, 20 साल या ज्‍यादा का विकल्‍प चुन सकते हैं. लेकिन ये इनकम तब तक ही होगी, जब तक आपके पास फंड है. फंड खत्‍म हुआ तो SWP बंद हो जाएगा. अगर 20 साल तक सिस्टमैटिक विद्ड्रॉल करने के बाद आपका इन्‍वेस्‍टड अमाउंट अगर बचता है तो आप SWP प्‍लान को आगे के लिए एक्‍सटेंड कर सकते हैं या फिर उस रकम को निकालकर कहीं और इस्‍तेमाल कर सकते हैं.

कैसे करें SWP की शुरुआत

रेगुलर कैश फ्लो की जरूरत के लिए SWP की शुरुआत कभी भी की जा सकती है. अगर किसी स्कीम में निवेश कर रहे हैं तो आप उसमें SWP विकल्प को एक्टिवेट कर सकते हैं. अगर आप SIP नहीं कर पाए हैं तो रिटायरमेंट पर मिलने वाले फंड का भी इस्तेमाल इसके लिए कर सकते हैं. SWP एक्टिवेट करने के लिए आपको फोलियो नंबर, विद्ड्रॉल की फ्रीक्वेंसी, पहली निकासी की तारीख, पैसे प्राप्त करने वाले बैंक अकाउंट को बताते हुए एएमसी में इंस्ट्रक्शन स्लिप भरना होगा.

SWP के फायदे

  • ज़रूरत के मुताबिक निवेशक राशि चुन सकते हैं.
  • बाज़ार में निवेश रहने से अच्छे रिटर्न की उम्मीद.
  • महंगाई को मात देने के लिए अच्छा विकल्प.
  • बाज़ार में उतार-चढ़ाव को झेल सकता है.
  •  SWP में ये सावधानियां बरतना बहुत जरूरी 
  • SWP कभी भी इक्विटी म्यूचुअल फंड से ना चलाएं. बाज़ार गिरने पर आपके फंड पर असर पड़ता है. ऐसे में निर्धारित राशि के लिए ज्यादा यूनिट्स बेचने पड़ेंगे और इससे पोर्टफोलियो बहुत जल्दी खत्म हो जाएगा. SWP के लिए डेट/लिक्विड फंड्स को बेहतर विकल्प माना जाता है.