वैसे तो अधिकतर लोग रिटायरमेंट प्लानिंग (Retirement Planning) के बारे में काफी देर से सोचते हैं, लेकिन आपको नौकरी लगने के शुरुआती दौर में ही इसके बारे में सोचना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि रिटायरमेंट प्लानिंग में तगड़ा कॉर्पस जमा होता है कंपाउंडिंग (Compounding) की मदद से. कंपाउंडिंग की असली ताकत तब दिखती है, जब लंबे वक्त तक निवेश किया जाए. आइए आज आपको बताते हैं एसआईपी (SIP) से जुड़ी एक ऐसी टिप्स, जिसमें ट्रिपल 5 का फॉर्मूला काम करता है.

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सबसे पहले कुछ मानक मान लेते हैं. मान लीजिए अभी आपकी उम्र 25 साल है और आप हर महीने 1000 रुपये एसआईपी के तहत जमा कर रहे हैं. यहां हम ये भी मान रहे हैं कि आपको अपने निवेश पर रिटायर होने तक करीब 11 फीसदी का औसतन रिटर्न मिलेगा. आइए अब समझते हैं कैसे काम करता है ट्रिपल 5 का फॉर्मूला.

क्या है ट्रिपल 5 का फॉर्मूला?

ट्रिपल 5 के फॉर्मूले में पहले 5 का मतलब है पांच साल पहले रिटायर होना. वहीं दूसरे 5 का मतलब है कि इसके लिए आपको हर साल अपनी एसआईपी को 5 फीसदी बढ़ाना होगा. वहीं तीसरे 5 का मतलब है कि अगर आप इस तरह लगातार करते हैं तो 55 साल की उम्र तक ही आपके पास 5 करोड़ रुपये जमा हो जाएंगे. यानी एसआईपी में एक छोटा सा बदलाव और आप समय से पहले ही रिटायरमेंट ले सकते हैं.

एक उदाहरण से समझते हैं इसे

मान लेते हैं कि आप हर महीने 1000 रुपये (सालाना 12000) की एसआईपी करते हैं और उसे हर साल 5 फीसदी बढ़ाते जाते हैं, जिस पर आपको औसतन 11 फीसदी रिटर्न मिल रहा है. ऐसा करने से 30 सालों में यानी 55 साल की उम्र तक आपका कुल निवेश होगा करीब 95.67 लाख रुपये. वहीं इस पर कंपाउंडिंग की ताकत के चलते आपको करीब 4.25 करोड़ रुपये का ब्याज मिलेगा. इस तरह आपका कुल कॉर्पस 5.20 करोड़ रुपये का हो जाएगा.

रिटायर होने के बाद कितनी बनेगी पेंशन?

अगर आपके रिटायर होने के वक्त एफडी पर सिर्फ 6 फीसदी ब्याज भी मिलता है, तो भी आपको तगड़ी पेंशन मिलेगी. इस तरह 5.20 करोड़ रुपये पर आपको 6 फीसदी के हिसाब से हर साल करीब 31.20 लाख रुपये मिलेंगे. मतलब आपको हर महीने करीब 2.60 लाख रुपये मिलेंगे.