छंटनी और मंदी के डर के बीच बनाइए 'सुरक्षा कवच', ये 5 कदम आपकी फाइनेंशियल सेहत का रखेंगे खयाल
Financial Planning: मंदी और जॉब कट के चलते आपको भी कुछ कदम उठा लेने चाहिए, जो आपकी इनकम, इन्वेस्टमेंट और फ्यूचर को सुरक्षित रखेंगे. ये वो टाइम है, जब आप अपनी नौकरी और अपने भविष्य के लिए प्लानिंग और खुद को फाइनेंशियल सिक्योरिटी दें.
दुनियाभर में मंदी की आहट सुनाई दे रही है, और पूरा असर दिखे इसके पहले ही जॉब कट्स की शुरुआत हो गई है. मेटा, ट्विटर जैसी अमेरिकी टेक कंपनियों के अलावा, भारत में भी कई कंपनियां हैं, जहां छंटनी शुरू हो गई है. ऐसे में मंदी और जॉब कट के चलते आपको भी कुछ कदम उठा लेने चाहिए, जो आपकी इनकम, इन्वेस्टमेंट और फ्यूचर को सुरक्षित रखेंगे. ये वो परफेक्ट टाइम है, जब आप अपनी नौकरी और अपने भविष्य के लिए प्लानिंग और खुद को फाइनेंशियल सिक्योरिटी दें. हम यहां ऐसे खास 5 स्टेप्स बताने वाले हैं, जो आपको आने वाले वक्त के लिए तैयार करेंगे.
1. सबसे पहले अपना रेज्यूमे मजबूत करें
आपको सबसे पहले अपना रेज्यूमे स्ट्रॉन्ग करना होगा. इसके लिए आपको अपनी अपस्किलिंग करनी होगी, यानी आपको नए और रेलेवेंट स्किल सीखने होंगे, ताकि आपके पास कई तरह के स्किल सेट हों और जरूरत पड़ने पर आपके पास की फील्ड में काम करने का ऑप्शन हो. आपके पास ऐसी स्किल होनी चाहिए, जिनकी मार्केटिंग की जा सके. इसके अलावा अपने रेज्यूमे और लिंक्डइन प्रोफाइल में सॉफ्ट स्किल, जैसे- कस्टमर सर्विस, कम्युनिकेशन, टाइम मैनेजमेंट जैसी चीजें ऐड करें. इसके साथ ही अगर आप हार्ड स्किल, जैसे- सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, डेटा एनालिसिस, डिजिटल मार्केटिंग में भी माहिर हों, तो आपके लिए ऐसे मुश्किल वक्त में भी जॉब के ऑप्शंस हो सकते हैं.
इसके अलावा अपना रेज्यूमे और लिंक्डइन प्रोफाइल अपडेट करके नेटवर्किंग करना शुरू करें.
इनकम के अलग-अलग सोर्स रखें
अब जब निवेश को बहुत तरजीह दी जाने लगी है तो यह सलाह अकसर दी जाती है कि आपको हमेशा एक से ज्यादा इनकम का रास्ता रखना चाहिए. इनकम डाइवर्सिफिकेशन जरूरी है, ताकि एक स्ट्रीम प्रभावित हो तो भी एक स्ट्रीम से पैसा आता रहे.
इमरजेंसी सेविंग्स/फंड में करें बढ़ोतरी
ऐसे वक्त में आप अपने लिए एक अच्छा काम कर सकते हैं वो है अपनी सेविंग्स में बढ़ोतरी करना. आदर्श स्थिति यही होगी कि अगर आप मुश्किल में फंस गए हों तो आपके पास इतनी सेविंग्स हो कि अगले 6 से 3 महीनों तक आपका काम चल सके.
लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी को छोड़े नहीं
अगर लॉन्ग टर्म के लिए निवेश कर रहे हैं, तो इसे बिल्कुल भी ना छोड़ें. बाजार में निवेशकों को हड़बड़ी में आकर बेचने की सलाह नहीं दी जाती है. हां सही है कि बाजार की टाइमिंग का अंदाजा लगाना मुश्किल है, लेकिन कुछ वक्त बाद बाजार रिकवरी लेता है. आपको ये देखना होगा कि आपका इन्वेस्टमेंट गोल क्या है, टाइम फ्रेम क्या है और रिस्क लेने की क्षमता कितनी है, इस हिसाब से अपनी स्ट्रेटेजी बनाएं.
हालांकि, आर्थिक स्थिति कैसी है, आपको ऐसा पैसा बाजार में लगाकर नहीं रखना चाहिए, जिसकी आपको अगले पांच सालों में जरूरत पड़ने वाली है.
अपना पोर्टफोलियो बचाएं
अगर आप युवा निवेशक हैं, तो आपको अपने निवेश पोर्टफोलियो में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट स्टॉक्स में रखना चाहिए. वहीं, 50 से 60 के ऊपर के निवेशकों को थोड़ा कम अग्रेसिव चलना चाहिए और बॉन्ड्स-कैश जैसे विकल्पों में पैसा डालना चाहिए. टैक्स डाइवर्सिफिकेशन का ध्यान भी रखना चाहिए.
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