RBI Monetary Policy: फ्लोटिंग रेट लोन को रीसेट करने के लिए जल्द नए नियम लाएगा RBI, जानिए ये होता क्या है?
RBI MPC Meeting के दौरान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने फ्लोटिंग रेट लोन को रीसेट करने के लिए नए नियम लाने की बात कही है. आइए आपको बताते हैं कि ये होता क्या है और फिक्स्ड रेट लोन से कितना अलग है.
RBI Monetary Policy: 8 अगस्त से 10 अगस्त के बीच हुई आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी के नतीजे पेश करते हुए आज गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट को लेकर लोगों को काफी राहत दी है. आरबीआई ने रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखा है. इससे लोन लेने वालों को काफी राहत मिलेगी क्योंकि उन पर ईएमआई का बोझ नहीं बढ़ेगा. इसके साथ ही आरबीआई गवर्नर ने फ्लोटिंग रेट लोन (Floating Rate Loan) को लेकर भी बड़ी बात कही है. गवर्नर ने कहा कि फ्लोटिंग रेट लोन को रीसेट करने के लिए RBI जल्द नए नियम लाएगा. आइए आपको बताते हैं कि क्या होता है फ्लोटिंग रेट लोन
Floating Rate Loan
फ्लोटिंग रेट लोन वो लोन होता है जिस पर रेपो रेट या मार्केट की ब्याज दर का असर पड़ता है. सीधे और आसान शब्दों में समझें तो जब आरबीआई रेपो रेट बढ़ाता है, तो फ्लोटिंग रेट लोन के इंटरेस्ट रेट भी बढ़ता है और जब आरबीआई रेपो रेट घटाता है, तब लोन के ब्याज दरों में भी कमी आती है. यानी Floating Rate Loan पर आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने और घटाने का सीधा असर होता है और इसका फर्क आम आदमी की जेब पर पड़ता है.
Fixed Rate Loan
फिक्स्ड रेट लोन में लोन लेते समय ही ब्याज की दर निश्चित कर दी जाती है. उसके हिसाब से आपकी ईएमआई निश्चित कर दी जाती है. ऐसे में लोन चुकाने वाले को ये पता रहता है कि उसे अपने पूरे लोन टेन्योर में हर महीने कितनी ईएमआई देनी है. रेपो रेट के बढ़ने या घटने का असर इस पर नहीं पड़ता.
फ्लोटिंग रेट लोन का फायदा
फ्लोटिंग रेट होम लोन पर सबसे बड़ी सुविधा प्रीपेमेंट पेनल्टी नहीं लगने वाली मिलती है. यानी अगर लोन लेने वाला व्यक्ति बीच में लोन की बड़ी राशि को लौटाकर लोन का बोझ कम करना चाहे तो इसके लिए उससे कोई पेनल्टी नहीं ली जाती है. जबकि फिक्स्ड रेट लोन में प्रीपेमेंट के लिए पेनल्टी देनी पड़ती है. इसके अलावा अगर आप फिक्स्ड रेट लोन लेते हैं और आगे चलकर ब्याज दरें घटती हैं, तो आपको इसका कोई फायदा नहीं मिलता है.
ये हैं RBI MPC Meeting की बड़ी बातें
- RBI ने रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखा है.
- Q2 का महंगाई दर अनुमान 5.2% से बढ़ाकर 6.2% किया.
- नकदी घटाने के लिए RBI का बड़ा कदम, बैंकों को NDTL में 10% ICRR मेंटेन करना होगा.
- FY24 का GDP ग्रोथ अनुमान 6.5% पर कायम, FY25 GDP अनुमान 6.6%.
- महंगी सब्जियों के चलते जुलाई-अगस्त में भी महंगाई ऊंची रहेगी.
- FY24 का CPI महंगाई अनुमान 5.4%.
- MPC का सर्वसम्मति से दरें स्थिर रखने के पक्ष में वोट.
- जैसी स्थिति बनेगी उस हिसाब से फैसला लेने के लिए तैयार.
- MPC के 6 में से 5 सदस्य अकोमोडेटिव रुख वापसी के पक्ष में.