होम और कार लोन लेने वालों को RBI का तोहफा, बदलेगा ब्याज दरों का फॉर्मूला
RBI ने डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी पॉलिसीज के अपने बयान में प्रस्ताव किया है कि 1 अप्रैल 2019 से बैंक मौजूदा इंटरनल बेंचमार्क सिस्टम जैसे प्राइम लेंडिंग रेट, बेस रेट, मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) की जगह एक्सटर्नल बेंचमार्क्स का इस्तेमाल करेंगे.
कर्ज लेने वालों के लिए आज भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक खुशखबरी दी है. RBI ने प्रस्ताव किया है कि विभिन्न कैटेगरी की फ्लोटिंग ब्याज दरें अब एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक्ड होंगी. होम लोन लेने वालों की अक्सर ये शिकायत हुआ करती थी कि बैंक ब्याज दर तय करने में पारदर्शिता नहीं अपनाते हैं. बैंकों पर यह भी आरोप लगता रहा है कि वे RBI द्वारा ब्याज दर घटाने का पूरा फायदा ग्राहकों को नहीं देते हैं.
हालांकि, अब RBI द्वारा नीतिगत दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों को मिलने की राह में पारदर्शिता आएगी. RBI ने MCLR को एक्सटर्नल बेंचमार्क से रिप्लेस करने का प्रस्ताव किया है. RBI ने डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी पॉलिसीज के अपने बयान में प्रस्ताव किया है कि 1 अप्रैल 2019 से बैंक मौजूदा इंटरनल बेंचमार्क सिस्टम जैसे प्राइम लेंडिंग रेट, बेस रेट, मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) की जगह एक्सटर्नल बेंचमार्क्स का इस्तेमाल करेंगे.
क्या होगा एक्सटर्नल बेंचमार्क का फायदा
SBI की पूर्व प्रमुख अर्थशास्त्री बृंदा जागीरदार ने कहा कि फ्लोटिंग रेट लोन्स के लिए एक्सटर्नल बेचमार्किंग का RBI का प्रस्ताव तारीफ के काबिल है. इससे न सिर्फ MSME सेक्टर को फायदा होगा बल्कि फ्लोटिंग रेट पर होम और ऑटो लोन लेने वाले ग्राहकों को भी फायदा होगा. एक्सटर्नल बेंचमार्किंग के तीन मानदंड रखे हैं - RBI की रेपो रेट, 91 दिनों के ट्रेजरी बिल की यील्ड जो फाइनेंशियल बेंचमार्क इंडिया प्राइवेट लिमिटेड उपलब्ध कराएगा या 182 दिनों के ट्रेजरी बिल की यील्ड. जागीरदार ने कहा कि पहले RBI द्वारा रेपो रेट घटाए जाने के बावजूद बैंक अपने महंगे फंड का हवाला देते हुए ब्याज दरों में कटौती अपेक्षित तरीके से नहीं किया करते थे. हालांकि, 1 अप्रैल 2019 से उन्हें एक्सटर्नल बेंचमार्किंग सिस्टम को मानना होगा. इससे RBI द्वारा ब्याज दर घटने या बढ़ने का फायदा लोन लेने वालों को जल्द मिलेगा.
इनमें से कोई भी एक हो सकता है एक्सटर्नल बेंचमार्क
RBI ने एक्सटर्नल बेंचमार्क का प्रस्ताव डॉ. जनक राज की अध्यक्षता में गठित स्टडी ग्रुप के सुझावों को अपनाते हुए किया है. इस स्टडी ग्रुप का काम MCLR सिस्टम के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करना था. RBI के प्रस्ताव के अनुसार निम्नलिखित में से काई भी एक फ्लोटिंग रेट लोन का बेंचमार्क हो सकता है.
- RBI का रेपो रेट
- भारत सरकार के 91 दिन वाले ट्रेजरी बिल की यील्ड (FBIL द्वारा उपलब्ध कराया गया)
- भारत सरकार के 182 दिन वाले ट्रेजरी बिल की यील्ड (FBIL द्वारा उपलब्ध कराया गया) या,
- FBIL द्वारा उपलब्ध कराया गया दूसरा कोई भी बेंचमार्क मार्केट इंट्रेस्ट रेट