Loan EMI Calculation: महंगाई कंट्रोल करने के लिए रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बार फिर रेपो रेट में बढ़ोतरी की है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास ने शुक्रवार को पॉलिसी का एलान करते हुए रेपो रेट में 0.50 फीसदी बढ़ोतरी का एलान किया है. इस बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट बढ़कर 5.90 फीसदी हो गया है. मई 2022 से यह लगातार चौथी बढ़ोतरी है. रेपो रेट में 1.90 फीसदी का इजाफा हो चुका है. रेपो रेट बढ़ने से होम लोन (Home Loan), कार लोन (Car Loan), पर्सनल लोन (Personal Loan) की ईएमआई (EMI) बढ़ना तय माना जा रहा है. रिजर्व बैंक के इस फैसले के बाद बैंक भी कर्ज महंगा करना शुरू कर देंगे. रेपो लिंक्ड लोन की दरों (RLLR) को 0.50 फीसदी की तुरंत बढ़ोतरी हो जाएगी. आइए Loan EMI Calculator से जानते हैं कि किस लोन पर कितना बढ़ेगा बोझ. 

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EMI का समझें कैलकुलेशन 

होम लोन: ₹25 लाख, टेन्‍योर: 15 साल

  पुराना     नया  बढ़ोतरी 
ब्याज दर   7.5%  8%  0.5%
EMI  ₹23175 ₹23891 ₹716

 

पर्सनल लोन: ₹5 लाख, टेन्‍योर: 3 साल

  पुराना     नया  बढ़ोतरी 
ब्याज दर  11.5%  12%  0.5%
EMI  ₹16488 ₹16607 ₹119

 

कार लोन: ₹5 लाख, टेन्‍योर: 5 साल

  पुराना     नया  बढ़ोतरी 
ब्याज दर  9.5%  10% 0.5%
EMI  ₹10501 ₹10624 ₹123

 (यह कैलकुलेशन Loan EMI Calculator पर आधारित है.) 

 

एक्‍सटर्नल बेंचमार्क से लिंक्‍ड हैं नए होम लोन

रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक, अब बैंकों के होम लोन मार्जिनल कॉस्‍ट लेडिंग रेट (MCLR) और रेपो लिंक्‍ड लेडिंग रेट (RLLR) से लिंक्ड होते हैं. 2019 में आरबीआई ने सभी बैंकों को कहा था कि वे नए होम लोन को एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक करें, क्योंकि बैंक रिजर्व बैंक के रेपो रेट घटाने का पूरा फायदा ग्राहकों को नहीं दे रहे थे. बता दें, कोरोना महामारी के दौरान रिजर्व बैंक ने डिमांड और ग्रोथ को बनाए रखने के लिए ब्‍याज दरों में 115 बेसिस प्‍वाइंट (मार्च 2020 में 0.75 फीसदी और मई 2020 में 0.40 फीसदी) की बड़ी कटौती की थी.

इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने बैंकों को सभी प्रकार के रिटेल लोन और पर्सनल लोन को भी किसी एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक करने के निर्देश दिए गए थे. इसके लिए बैंकों को आरबीआई रेपो रेट, 3 या 6 महीने के सरकारी ट्रेजरी बिल के रेट या फाइनेंशियल बेंचमार्क्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (FBIL) की ओर से पब्लिश किसी भी अन्य बेंचमार्क मार्केट इंटरेस्ट रेट का ऑप्‍शन दिया गया था. पुराने लेंडर्स के पास लोन को बेंचमार्क लिंक्ड रेट में ट्रांसफर कराने या पुरानी व्यवस्था में बने रहने का ऑप्‍शन है.